नेपाल में बैठे तैमूर के इशारे पर भारत में जाली नोटों का धंधा, पाकिस्तान की भी मिली भगत
भारत में जाली नोटों का धंधा एक बार फिर शुरू हो गया था। नोटबंदी के बाद कुछ समय के लिए यह धंधा मंदा पड़ गया है। इस धंधे में पाकिस्तान के लोग भी लगे हुए हैं।
भागलपुर [संजय सिंह]। नोटबंदी के बाद जाली नोटों का धंधा मंदा पड़ गया था। अब पाकिस्तान ने फिर से भारतीय नोटों की नकल करने में सफलता पा ली है। इसके लिए हाई क्वालिटी की जाली करेंसी का प्रयोग किया जा रहा है। नेपाल में बैठे तैमूर के इशारे में भारत में इस काम को किया जा रहा है। बिहार में इन नोटों को खपाने और अराजकता फैलाने का जिम्मा शफी के पास है। इन बातों का खुलासा हाल में ही सिलीगुड़ी के बागडोगरा, किशनगंज और रक्सौल में गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने एनआइए के समक्ष किया है।
पाकिस्तान कर रहा नोटों की नकल : भारतीय करेंसी में सुरक्षा मानक संबंधी 13 फीचर हैं। पाकिस्तान द्वारा दो हजार, 500 और 100 रुपये के तैयार भारतीय नोटों में पांच से अधिक फीचर मिल रहे हैं। ऐसे नोट को हाई क्वालिटी फेक करेंसी कहा जाता है। सुपर हाई क्वालिटी फेक करेंसी में सात-आठ क्वालिटी से अधिक फीचर मेल खाते हैं। दोनों तरह के नोट भारतीय बाजार में अब आसानी से मिल रहे हैं।
40 हजार के बदले मिलते हैं एक लाख रुपये : जाली नोटों के सौदागर एक लाख रुपये के जाली नोटों के बदले 40 हजार रुपये के असली नोट लेते हैं। पहले ये नकली नोट देकर चले जाते थे और बाद में असली नोट लेने आते थे। अब इन्होंने तरीका बदल दिया है। अब ये नकली नोट देकर तुरंत असली नोट ले लेते हैं। ऐसा पुलिस से बचने के लिए किया गया है।
हवाला भी दे रहा बढ़ावा : हवाला से जो लोग जुड़े हुए हैं, वह भी जाली नोटों के धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। ये अक्सर दूसरों को सौंपे जाने वाले कुछ पैसों में जाली नोट मिला देते हैं। ऐसे में बाजार में जाली नोट हर जगह पहुंच जाते हैं। खासकर, ग्रामीण बाजार में इस तरह के जाली नोट आसानी से खप जाते हैं।
इन जिलों में पकड़े गए धंधेबाज : अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, भागलपुर, मोतिहारी, बेतिया आदि जिलों में हाल के दिनों में जाली नोटों के धंधेबाज पकड़े गए हैं। पटना में भी जाली नोटों का धंधेबाज पकड़ा गया, लेकिन वह असली नोट को स्कैन कर बाजार में चलाता था।
मुख्य बातें
-शफी को मिला है बिहार में नोट चलाने व अराजकता फैलाने का जिम्मा
-हाई क्वालिटी की जाली करेंसी का किया जा रहा इस्तेमाल