नगर निगम : पार्षदों की गतिविधियों पर मेयर और डिप्टी मेयर की पैनी नजर, गुटबाजी तेज
पार्षदों के घर जाकर समर्थन जुटाने को सुबह से शाम तक कवायद चलती रही। करीब आधे दर्जन पार्षद और प्रतिनिधि ने दोनों के खिलाफ मुहिम चलाया जा रहा है।
भागलपुर [जेएनएन]। नगर निगम में काम कम और गुटबाजी ज्यादा हो रही है। नगर निगम में भागलपुर का विकास हो, इसके लिए कभी भी कोई एकजुट नहीं हुए। यहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में एकजुटता तब दिखती है जब अपना कोई हित साधना हो। इन दिनों फिर से मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू हो गई। इसका नतीजा क्या होगा यह तो पता नहीं, लेकिन निगम द्वारा विकास करने की गतिविधि पूरी तरह ठप हो गई। हाल में ही नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा, मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों बीच हुए विवाद अभी थमा भी नहीं है। इस मामले में दोनों पक्ष से प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। नगर निगम में इस प्रकार की ओछी राजनीति से योनजाओं के क्रियान्वयन में परेशानी होती है। एक बार फिर मेयर और डिप्टी मेयर को पद से हटाने के लिए पार्षद एक जुट होने लगे।
नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में पार्षद हंसल सिंह ने संपर्क अभियान चलाया। पार्षदों के घर जाकर समर्थन जुटाने को सुबह से शाम तक कवायद चलती रही। करीब आधे दर्जन पार्षद और प्रतिनिधि ने दोनों के खिलाफ मुहिम चलाया जा रहा है।
डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने बताया कि हंसल सिंह, कुमारी कल्पना समेत सात पार्षद हमारे पास समर्थन लेने के पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। डिप्टी मेयर ने पार्षदों से स्पष्ट कहा, अभी वक्त जनता के प्रति विश्वास बनाने का है। ना कि जनप्रतिनिधियों के प्रति अविश्वास लाने का है। शहर की जनता जलापूर्ति समस्या से जूझ रही है। इन पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पार्षदों को गोलबंद होना चाहिए। जनता के साथ खड़े होने का समय है। इस तरह की ओझी राजनीति को दरकिनार कर शहर के विकास और जनसमस्या के निदान को लेकर आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है। डिप्टी मेयर के सुझाव को सुनकर पार्षदों को वापस लौटना पड़ा।
इधर मेयर सीमा साहा अविश्वास प्रस्ताव संबंधित प्रयास को लेकर गंभीर हो गई है। डैमेज कंट्रोल के लिए पार्षदों से संपर्क कर मामले की जानकारी ले रही है।
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