Coronavirus : चुनौतीपूर्ण है कोविड-19 वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाना
Coronavirus जमुई में संसाधनों को दुरुस्त करने में जुटा विभाग। जिले में प्रशिक्षित टीका कर्मियों (एएनएम) की संख्या 400 है। टीकाकरण को लेकर विभाग स्वास्थ्य कर्मियों का आंकड़ा जुटा रहा। मौजूद संसाधनों द्वारा माइनस 15 डिग्री से माईनस 25 डिग्री तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है।
जमुई [प्रणव प्रशांत]। चीन के बुहान शहर के रास्ते आया कोरोना संक्रमण ने एक ओर जहां पूरी दुनिया के आर्थिक संतुलन को ध्वस्त कर दिया, वहीं कुछ महीनों के अंदर लाखों लोगों की जाने ले ली। कोरोना संक्रमण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ इस तरह मौत का तांडव दिखाया जिसे देखते हुए पूरी दुनिया को लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ा। करोना जैसे भयंकर महामारी से बचने को लेकर पूरी मानव जाति के सामने शारीरिक दूरी के अलावा अन्य कोई विकल्प कारगर साबित नहीं हो सका। संक्रमण के दिन-प्रतिदिन बढ़ते दायरे पर नियंत्रण करना पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। 17 नवंबर 2019 को जब चीन के बुहान शहर में पहला कोरोना मरीज दुनिया के सामने आया तब यह अंदाजा भी नहीं लगा सका की यह इंसानों के लिए इतनी बड़ी चुनौती का सबब बनेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने को लेकर इतने जल्दी में किसी वैक्सीन का निर्माण करना किसी भी देश के लिए इतना आसान काम नहीं रहा है। इतिहास के पन्नों को देखा जाए तो इससे पहले कई भयंकर संक्रमण से निपटने में कई दशकों के बाद वैज्ञानिकों को सफलता मिल पाई।
स्वास्थ्य कर्मी एवं बुजुर्गों को पहली प्राथमिकता
कोविड-19 का संक्रमण इंसानों के लिए जितना घातक है इससे निपटने को लेकर टीकाकरण की प्रक्रिया उतनी ही चुनौतीपूर्ण है। देश को कोरोना से मुक्त करने एवं संक्रमण की श्रृंखला को तोडऩे के लिए हर तबके के लोगों के बीच वैक्सीन का पहुंचना अनिवार्य है। इन चुनौतियों से निपटने को लेकर सरकार द्वारा सर्वप्रथम कोरोना का वैक्सीन सर्वप्रथम सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य कर्मियों को देने का निर्णय लिया गया है। जो मरीजों के संपर्क में सबसे पहले आते हैं। जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही जिले में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों की सूची विभाग को सुपुर्द की जाएगी।
जिले में वैक्सीन को लेकर मौजूद संसाधन
कई महीनों की मशक्कत के बाद कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर सरकार सफलता के कगार पर है। परंतु सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीन के भंडारण को लेकर सामने आ गई है। कोविड-19 का वैक्सीन अन्य वैक्सीन से काफी अलग है। जिस कारण जिले में मौजूद संसाधन टीकाकरण के लिए पर्याप्त साबित होता नहीं दिख रहा है। जिले में नियमित टीकाकरण को लेकर संसाधनों पर नजर डालें तो सदर अस्पताल एवं सभी प्रखंडों में कुल मिलाकर 12 वैक्सीन भंडारण स्थल उपलब्ध है। इसके अलावा जिले में कोल्ड चेन पॉइंट की संख्या 13, आईएलआर की संख्या 32, डीप फ्रीजर की संख्या 13 एवं प्रशिक्षित टीका कर्मी एएनएम की संख्या 400 है। मौजूदा संसाधनों में माइनस 15 डिग्री से माईनस 25 डिग्री तक तापमान को नियंत्रित कर वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर विमल कुमार चौधरी ने बताया कि कोविड-19 के वैक्सीन के भंडारण को लेकर सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाने का काम किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कोविड-19 के वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए माइनस 60 से 70 डिग्री तापमान की आवश्यकता होगी इसके लिए सरकार द्वारा पहल की जा रही है।
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर तैयार किया जा रहा वैक्सीन नियमित टीकाकरण के अन्य वैक्सीन से बिल्कुल अलग है। जिले में मौजूद संसाधन के अलावा सरकार द्वारा अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है ताकि कोविड-19 वैक्सीन अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सके। - डॉ विमल कुमार चौधरी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जमुई।