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Coronavirus : भागलपुर में कैदी और दो बुजुर्ग की मौत, अब तक 18 लोगों की गई जान

Coronavirus भागलपुर में अब कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्‍या बढ़ने लगी है। जिले में अब तक 18 लोगों की मौतें हुई है। यहां संक्रमितों की संख्‍या 13 सौ से ज्‍यादा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 07:37 AM (IST)
Coronavirus : भागलपुर में कैदी और दो बुजुर्ग की मौत, अब तक 18 लोगों की गई जान
Coronavirus : भागलपुर में कैदी और दो बुजुर्ग की मौत, अब तक 18 लोगों की गई जान

भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार को मायागंज अस्पताल में सुरखीकल निवासी दो बुजुर्गों की मौत हो गई।  इनमें से एक ऑक्सीजन सिलेंडर का सप्लायर था। इसके अलावा विशेष केंद्रीय कारा में एक और कैदी की मौत हो गई। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में कोरोना से मरने वालों की संख्या 18 हो चुकी है।

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कोरोना से मरे सुरखीकल के 71 वर्षीय बुजुर्ग को बुखार था। तिलकामांझी एसपी कोठी के समीप नर्सिंग होम में उनका इलाज किया जा रहा था। यहां एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद नर्सिंग होम को बंद कर दिया गया। इसके बाद बुजुर्ग ने हटिया रोड के एक डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने टायफायड होने की जानकारी देते हुए, कोरोना की भी जांच करवाने की सलाह दी। जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव आने पर बुधवार की रात बुजुर्ग को जेएलएनएमसीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया। दो घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई। नोडल पदाधिकारी डॉ. हेम शंकर शर्मा ने कहा कि मरीज के खून में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। वहीं 63 वर्षीय सरखीकल के बुजुर्ग की मौत भी कोरोन वार्ड में हुई। इसकी पुष्टि नोडल पदाधिकारी ने की है।

कई घंटे तक परिजन नहीं मिले

71 वर्षीय बुजुर्ग की मौत होने पर जब उनके परिजनों को खोजा जाने लगा तो वे नहीं मिले। लाश को लावारिस बता कर पैक किया गया। बाद में परिजन आए तो उन्हें दिया गया। दोनों शवों को स्वजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने कहा कि वे खुद अंतिम संस्कार करेंगे।

इलाज नहीं करने का आरोप

मायागंज अस्पताल में कोरोना मरीजों को डॉक्टर एक बार भी देखने नहीं आते हैं, यह आरोप स्वजन लगते रहे हैं। बैंक कर्मचारी के स्वजनों ने भी आरोप लगाया था कि सांस तेज चल रही थी। मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिला, इसलिए मौत हो गई। खरीक बाजार के दुकानदार की मौत भी कोरोना से हुई। उन्हें भर्ती भी नहीं किया जा रहा था। भर्ती करने में देरी की गई।


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