Corona Winner : चार दिनों में ही हरा दिया कोरोना को, इस तरह थी दिनचर्या, सुनाए अपना अनुभव
Corona Winner कोरोना को हराने वालों ने कहा परहेज करेंगे तो शीघ्र हो जाएंगे स्वस्थ। योग किया हल्का गर्म पानी पीते रहे घर के एक कमरे में बंद रहे। प्रोटीनयुक्त भोजन खाया फल और जूस का सेवन भी किया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आने पर भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हिम्मत रखेंगे तो कुछ ही दिनों मे यह बीमारी छू-मंतर हो जाएगी। केवल परहेज रखना है। कोरोना को हराने वाले लोगों ने यह बातें कहीं। पिछले दो सप्ताह से कहलगांव एनटीपीसी कैंपस में रहने वाले दर्जनों लोग कोरोना से संक्रमित हुए। खुद तो संक्रमित हुए ही घर के सदस्य भी इससे अछूते नहीं रहे। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया। तीन से पांच दिनों में स्वस्थ भी हो गए और काम पर भी लौटे। कहलगांव अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी डा. विवेकानंद दास भी संक्रमितों का हालचाल लेते रहे।
30 वर्षीय ज्ञानेश्वर कुमार एनटीपीसी में कार्य कर रहे थे, तभी सिर में दर्द और बुखार हुआ। अस्पताल में कोरोना जांच करवाने पर रिपोर्ट पाजेटिव मिली। उन्होंने कहा कि पहले तो थोड़ा सा सहमा लेकिन शीघ्र ही मन को मजबूत किया। होम आइसोलेशन में रहे। अस्पताल से मिली दवा पारासीटामोल, एंटीबायोटिक आदि दवाओं का सेवन किया। योगा भी करना शुरु किया। अंडा, चिकेन, संतरा, नींबू और काढ़ा का सेवन करने लगा। हल्का गर्म पानी पीने से ज्यादा राहत मिली। छह दिन बाद जब फिर से कोरोना का जांच करवाया तो रिपोर्ट निगेटिव मिली।
एनटीपीसी कर्मचारी बूटन दास की 23 वर्षीय पत्नी भी 10 जनवरी को कोरोना से संक्रमित हो गईं। बूटन दास ने कहा कि सिर से लेकर पूरे बदन में दर्द, गला में जलन, ठंड लगने की वजह से जब एनटीपीसी में कोरोना का जांच करवाया तो रिपोर्ट पाजेटिव मिली। मैं ड्यूटी बंद कर पत्नी को एक कमरा में रखा और खुद भोजन बनाकर उसे देने लगा। एनटीपीसी अस्पताल से जो दवाएं मिली उो खिलाया। इसमें कफ सीरप, विटामिन आदि दवाएं थीं। कोरोना होने पर जरा भी भयभीत नहीं हुआ।
बल्कि खुद और बच्चों का भी कोरोना जांच करवाया। छह दिनों में पत्नी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिली। 35 वर्षीय अभिषेक कुमार ने कहा कि कोरोना पाजेटिव होने पर चार दिनों तक परिवार के सदस्यों से दूर हुआ। कभी भी भयभीत नहीं हुआ। घर में रहकर एनटीपीसी से मिली दवा का सेवन किया और पौष्टिक आहार लेता रहा। पांच दिनों में स्वस्थ हुआ और सातवें दिन से कार्य पर वापस लौटा।