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Corona virus : प्राकृतिक चिकित्सा से भागेगा कोरोना, मानव में वायरस से लडऩे के तत्व मौजूद

प्राकृतिक चिकित्सा में किसी भी खतरनाक वायरस का पूर्व से उपचार किया जाता रहा है। असाध्य रोगों को शरीर से दूर भगाने के लिए सबसे पहले शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत किया जाता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 01:08 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 01:08 PM (IST)
Corona virus :  प्राकृतिक चिकित्सा से भागेगा कोरोना, मानव में वायरस से लडऩे के तत्व मौजूद
Corona virus : प्राकृतिक चिकित्सा से भागेगा कोरोना, मानव में वायरस से लडऩे के तत्व मौजूद

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। प्राकृतिक चिकित्सा से कोरोना या अन्य खतरनाक वायरस को आसानी से भगाया जा सकता। मानव शरीर में किसी भी खतरनाक वायरस से लडऩे के तमाम तत्व मौजूद होते हैं। खानपान की गड़बड़ी से उन तत्वों का क्षरण हो जाता है। जिससे उन्हें पनपने का मौका मिल जाता है। यह प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉ. जेता सिंह का मानना है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा में किसी भी खतरनाक वायरस का पूर्व से उपचार किया जाता रहा है। असाध्य रोगों को शरीर से दूर भगाने के लिए सबसे पहले शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत किया जाता है। 

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पशु-पक्षियों की होस्ट बॉडी से फैल रहे वायरस

डॉ. जेता कहते हैं कि जंगल काटने की तीव्रता से जंगली जानवर अचानक शहर में प्रकट होने लगते है। उसी तरह पशु-पक्षियों के मांस खाने से उनके शरीर में मौजूद वायरस मानव श रीर में फैलने लगे हैं। यह मनुष्यों में मांसाहार के बढ़ते प्रचलन से हो रहा है। सबसे पहले यह बता दें कि कोरोना नया वायरस नहीं है। ऐसे कई खतरनाक वायरस वातावरण में पहले से मौजूद हैं। अफ्रीका के रिसस मंकी से एचआइवी फैला। वहां रिससे मंकी का शिकार कर उसके मांस खाने लगे। उसके पंजे, नाखून, खाल का इस्तेमाल होने लगा। रिसेस मंकी के हॉस्ट बाडी (आश्रयदायी शरीर)में मौजूद वायरस मनुष्य में फैला। आज नतीजा खतरनाक है। कोरोना नाम भले नया है लेकिन ऐसा वायरस पूर्व से भारतीय वातावरण में भी है। डॉ. जेता कहते हैं कि नवगछिया के धरहरा गांव में चमगादड़ों की संख्या काफी है। एक प्राचीन विशाल पीपल का पेड़ है। वर्ष 1990-91 तक लोग चमगादड़ का मांस खाया करते थे। नतीजा वहां लोगों के मृत्यु का दर बढ़ गया था। चिकित्सकीय सलाह पर वहां चमगादड़ खाना छोड़ा तो स्थिति सामान्य हुई। वर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, ड्रॉप्सी भी पशु-पक्षियों, चिकेन आदि खाने से फैला। मांसाहार मानव शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का क्षरण भी करता है।

ऐसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

प्राकृतिक चिकित्सा में इम्युनिटी बढ़ाने और खतरनाक रोगों को दूर भगाने के लिए फलाहार जरूरी है। फल, अंकुरित चना, मूंग, गेहूं, कच्ची सब्जियों के सलाद, रेशेदार भोजन, काला गुड़ लेने होंगे।

शरीर में तेजाब का होना जरूरी

डॉ. जेता कहते हैं कि शरीर में तेजाब की मात्रा जरूरी है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। कोरोना या अन्य वायरस को भगाने के लिए तेजाब तो पी नहीं सकते। ऐसे में तेजाब यानी अम्ल हम खाद्य पदार्थ के जरिए शरीर के अंदर पहुंचाएंगे। इसके लिए खट्टे और तीखे खाद्य पदार्थ आहार में शामिल करेंगे। जैसे इमली, इमली की पत्ती, करी पत्ता, नींबू,अनानास, संतरा, मौसमी, आंवला, खट्टे दही की कढ़ी, टमाटर, पालक, मूली का इस्तेमाल करें। पेट साफ रहेगा। इंफेक्शन नहीं फैलेगा। सबेरे रोज बिस्तर छोडऩे पर आधा चम्मच मीठा सोडा एक ग्लास पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए जो खून को खारा बनाता है।

इसे अपनाने से नहीं फटकेगा वायरस

नमक पानी का गलगला

नहाने के पूर्व शरीर पर नमक का लेप लगाए, पांच मिनट बाद स्नान करें

गर्म पानी का भाप लेना।

गर्म पानी में पैर रखना।

गहरे गड्ढे से निकाली मिट्टी का लेप शरीर पर लगाना, सूखने के बाद स्नान करना।

लकड़ी या गोयठे की राख का लेप भी लगाकर शरीर सूखने दे फिर स्नान करे।

इन खाद्य पदार्थ से बनाएं दूरी

कब्ज बनाने वाले प्रोसेस्ड फूड, मैदा के बने आहार से दूरी बनानी होगी।


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