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Bhagalpur coronavirus update : अब कोरोना संक्रमितों का नहीं होगा तिरस्कार, अस्पताल से घाट तक निगम देगा साथ

Bhagalpur coronavirus update दरअसल कोरोना संक्रमितों के साथ दुव्र्यवहार की खबरें रोज आ रही है। जिलाधिकारी ने इसको लेकर मंगलवार को पत्र जारी कर नोडल अधिकारी नियक्त किया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 05:51 PM (IST)
Bhagalpur coronavirus update : अब कोरोना संक्रमितों का नहीं होगा तिरस्कार, अस्पताल से घाट तक निगम देगा साथ
Bhagalpur coronavirus update : अब कोरोना संक्रमितों का नहीं होगा तिरस्कार, अस्पताल से घाट तक निगम देगा साथ

भागलपुर जेएनएन। भारत तो वह देश है जहां पितरों को भी पानी दिया जाता है, फिर भी कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार से परिवार, समाज के साथ प्रशासन मुंह मोड़ रहा है। पर, अब ऐसा नहीं होगा। कोरोना संक्रमितों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होगा। स्वजन भले ही मुंह फेर ले पर निगम प्रशासन अस्पताल से घाट तक साथ रहेगा। इसकी पूरी मॉनीटरिंग नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी करेंगी।

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दरअसल, कोरोना संक्रमितों के साथ दुव्र्यवहार की खबरें रोज आ रही है। जिलाधिकारी ने इसको लेकर मंगलवार को पत्र जारी कर नोडल अधिकारी नियक्त किया है। साथ ही यह निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर से रोड या अन्य जगहों पर गिरे मरीजों अस्पताल में भर्ती कराएं। साथ ही अगर किसी कोरोना संक्रमित का शव उनके स्वजन नहीं ले रहे हो तो उसका दाह संस्कार कराएं। अगर इसमें किसी तरह की विधि-व्यवस्था की परेशानी आ रही है तो सिटी एसपी सहयोग करेंगे। साथ ही एंबुलेंस आदि की व्यवस्था सिविल सर्जन करेंगे। नगर आयुक्त को इन अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना है।

संसाधन का पड़ सकता है रोड़ा

जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर निगम कार्ययोजन तैयार करने में जुट गया है, लेकिन इसमें संसाधन का रोड़ा है। उपनगर आयुक्त ने बताया कि मरीजों को पहुंचाने के लिए एक एंबुलेंस, शव को घाट तक ले जाने के लिए दूसरी एंबुलेंस या शव वाहन। लेकिन, निगम के पास एंबुलेंस नहीं है। उन्होंने बताया कि एक एक एंबुलेंस पर चार कर्मियों की तैनाती की जाएगी। इन लोगों को पीपीई किट दिया जाएगा। ये सभी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेंगे। इन सभी बिंदुओं पर नगर आयुक्त ने कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।

एमपी द्विवेदी रोड में पड़ा रहा था शव

एमपी द्विवेदी रोड स्थित दवा दुकान पर 16 जुलाई को शाहकुंड के व्यक्ति का पांच घंटे तक शव पड़ा रह गया था। शव को उठाने को लेकर स्वास्थ्य, पुलिस व नगर निगम के अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी सौंप रहे थे। इस घटना को लेकर प्रशासन की खूब किरकिरी हुई थी। बाद में नगर निगम ने शव को उठाने की व्यवस्था की। ऐसी ही घटना बूढ़ानाथ मोहल्ले में हुआ था। जिसे निगम के सहयोग से ही श्मशान घाट पहुंचाया गया।

जागरण ने उठाया था श्मशान घाट पर शव के तिरस्कार का मुद्दा

दैनिक जागरण ने 20 जुलाई के अंक में 'कोरोना संक्रमितों का श्मशान तक हो रहा तिरस्कारÓ शीर्षक से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। दरअसल, 18 जुलाई की रात जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में खगडिय़ा के मानसी निवासी एक कोरोना संक्रमित की मौत हो गई। दोपहर स्वजन जैसे ही शव लेकर बरारी श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह पहुंचे वहां मौजूद कर्मियों ने जोर-जोर से कोरोना-कोरोना का शोर मचाना शुरू कर दिया और दूर भाग खड़े हुए। स्वजन जब काउंटर पर पर्ची कटाने के लिए आगे बढ़े तो तैनात कर्मी ने उन्हें डांटते हुए रुखाई से दूर से ही नाम-पता लिखाने को कहा। अंतिम संस्कार के वक्त गमगीन स्वजनों को कर्मी लगातार डांटते रहे। उस दिन विद्युत शवदाह गृह में पहले कोरोना मरीज का दाह संस्कार किया गया था।

बैंक अधिकारी के शव के सौदेबाजी का मामला पहुंचा था सरकार के पास

यूको बैंक के अधिकारी की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई थी । शव को जलाने को लेकर स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन और वहां के कर्मचारियों पर लेन-देन का आरोप लगाया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की मौत के बाद दाह संस्कार कराने का जिम्मा नगर निगम को सौंपा था। नगर निगम ने आनन-फानन में विद्युत शवदाह गृह को शुरू किया गया। दाह संस्कार का मामला सरकार के पास पहुंचा था। इसको लेकर तत्कालीन प्रभारी डीएम अरुण कुमार ङ्क्षसह ने सदर एसडीओ व सिटी डीएसपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था।

विद्युत शवदाह गृह से मिली राहत

बरारी श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह चालू हो गया। अंतिम संस्कार के लिए फिलहाल नगर निगम कोई शुल्क नहीं लेगा। स्थिति सामान्य होने पर निगम की बोर्ड व स्थायी समिति दर निर्धारित करेगा। विद्युत शवदाह गृह के चालू होने के बाद लोगों को दाह संस्कार के लिए सौदेबाजी से निजात मिली है।

श्मशान घाट पर अब भी हो रहा सौदेबाजी

बरारी श्मशान घाट पर लकड़ी से शव जलाने को लेकर अब भी सौदेबाजी हो रही है। कुछ लोग विद्युत शवदाहगृह नहीं जाकर परंपरागत तरीके पार्थिव शरीर का दाह संस्कार करना चाहते हैं। घाट पर शव जलाने वाले कर्मी अंतिम संस्कार के लिए एक लाख रुपये तक की मांग करते हैं। इससे लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि विद्युत शवदाह गृह में आधा दर्जन की संख्या में पहुंच गए और राख से सोना, चांदी चुनने की जिद मचाने लगे। बाद में पुलिस की मदद से मामला शांत कराया गया। इसपर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। यहां पुलिस को प्रतिनियुक्त नहीं किया गया।

30 कोरोना संक्रमितों का हुआ दाह संस्कार

16 जुलाई को विद्युत शवदाह गृह को चालू किया गया। 29 जुलाई की दोपहर तक 111 शवों का दाह संस्कार किया गया है। जबकि 30 कोरोना पॉजिटिव के शवों का अंतिम संस्कार हुआ। घाट पर सामान्य लोगों को परेशानी नहीं हो इसके लिए निगम प्रशासन ने नौ बजे रात के बाद कोरोना संक्रमितों के शव जलाने की व्यवस्था की है। इसके लिए तीन शव जलाने वाले कर्मी और तीन ऑपरेटर को प्रतिनियुक्त किया गया है।

अस्पताल में बेड से गिरने पर नहीं उठाते नर्स और गार्ड

अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ दुव्र्यवहार का मामला प्रकाश में आया। यहां भर्ती मरीज के बेड से गिर जाने के बाद भी उसे उठाने वाला कोई नहीं होता है। रोगी जमीन पर चिल्लाते रहे, लेकिन नर्स व गार्ड ने अनसुना कर दिया था।

जिला प्रशासन के निर्देश पर अधिकारियों के साथ समन्वय बनाया जा रहा है। शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। -जे. प्रियदर्शनी, नगर आयुक्त

नगर निगम को अगर एंबुलेंस की आवश्यकता होगी तो उपलब्ध कराया जाएगा। -विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन

विधि-व्यवस्था को लेकर नोडल अधिकारी को जो भी सहयोग चाहिए। पुलिस द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। - सुशांत कुमार सरोज, सिटी एसपी


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