कोरोना मरीजों में बढ़ा फेफड़े के संक्रमण का खतरा
भागलपुर। जिले में एक बार फिर से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इस बीमार
भागलपुर। जिले में एक बार फिर से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इस बीमारी को मात देकर अस्पताल से निकलने वाले मरीज फिर से इसकी जद में आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में तीन-चार सप्ताह बाद फेफड़ा संक्रमण (फाइब्रोसिस) की आशंका बढ़ गई है। अब तक भागलपुर में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले आ चुके हैं। फाइब्रोसिस की समस्या ने चिकित्सकों को भी हैरत में डाल दिया है। इस नई बीमारी से कोरोना मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
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इम्यूनिटी वाले मरीज ही नहीं आ रहे चपेट में
वैसे मरीज जो कोरोना को मात देकर जा रहे हैं। अगर उनकी इम्यूनिटी सही है तो उन्हें खतरा कम है, लेकिन जिनके शरीर में वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम है वैसे मरीज चपेट में आ रहे हैं। आइसीएमआर के अनुसार दो सप्ताह में कोरोना के मरीजों को स्थिति ठीक रहने पर डिस्चार्ज किया जाता है, इसमें 13 फीसद ही मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य होते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार बताते हैं शोध में बताया गया है कि 87 फीसद मरीजों में कोरोना का लक्षण रहता है।
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बीपी-शुगर वाले मरीजों में संभावना
पोस्ट कोविड किसी भी उम्र के लोगों में होनी की संभावना रहती है। चिकित्सक के अनुसार इस बीमारी में वैसे लोग चपेट में आ रहे हैं जिन्हें मोटापा, धूमपान, बीपी, शुगर और निमोनिया से ग्रस्त हैं। पोस्ट कोविड के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है। सीने में दर्द होता है। इसके अलावा थकान व कमजोरी की समस्या भी हो रही है।
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फाइब्रोसिस के लक्षण
-कोरोना मरीजों में कमजोरी
-सांस और दम फूलना
-शरीर में ऑक्सीजन की कमी
-घबराहट, चक्कर आना, पसीना आना, चक्कर आना।
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इस बीमारी का इलाज
-फेफड़ा का प्रत्यारोपण
-नियमित जांच
-फाइब्रोसिस दवा का सेवन
-टीवी और अन्य संक्रमण मरीजों से दूरी बनाएं रखें