Move to Jagran APP

Corona impact: महाशय ड्योढ़ी में शताब्दियों से चली आ रही कौड़ी लूटाने की परंपरा पर इस साल लगी रोक

इस बार कोरोना का असर दुर्गा पूजा पर देखने को मिल रहा है। अधिकांश जगह सादगी के साथ मां की पूजा अर्चना की जा रही है। भागलपुर के महाशय ड्योढ़ी में भी इस बार कौड़ी लूट व पाठा बलि कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:38 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:38 AM (IST)
Corona impact:  महाशय ड्योढ़ी में शताब्दियों से चली आ रही कौड़ी लूटाने की परंपरा पर इस साल लगी रोक
शनिवार को शहर के एक पंडाल में पूजा करतीं महिला श्रद़धालु।

भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर के सबसे प्राचीन मंदिर महाशय ड्योढ़ी में इस बार दुर्गा पूजा का रंग अलग दिखेगा। यहां करीब 450 वर्ष पहले पहली बार देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित नहीं हुई। लेकिन, इस बार मंदिर में सादगी के साथ कलश पूजन किया जा रहा है। मंदिर परिसर को चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दिया गया है, ताकि सीमित संख्या से ही लोगों को मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर में कौड़ी लूट व पाठा बलि कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।

loksabha election banner

दूर-दराज से कौड़ी लूटने पहुंचते थे श्रद्धालु

कौड़ी लूटने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचते थे। इस बार श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ा। नौवीं व दशमी पूजा को मंदिर में पूजा-अर्चना को लेकर एक से डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु जुटते थे। महाशय ड्योढ़ी की मां दुर्गा की महिमा अपरंपार है। कोलकाता की काली एवं महाशय की दुर्गा विश्व प्रसिद्ध हैं। देश के कोने-कोने से यहां श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं और खुश होकर जाते हैं। यहां शक्ति की देवी की प्रतिमा अकबर के शासनकाल से ही स्थापित होते आ रही है। जब से महाशय ड्योढ़ी निवासी श्रीराम घोष अकबर के कानूनगो बने थे तब से मां की पूजा और भव्य तरीके से होने लगी।

पालकी पर सवार हुईं नवदुर्गा

महाशय ड्योढ़ी मंदिर से शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ नवपत्रिका (केला बौ) को पालकी से बंगाली टोला घाट पहुंचाया गया। ढोल व शंखनाद करते हुए श्रद्धालु बोधन घट के साथ बंगाली टोला घाट पहुंचे। यहां पुजारी सुभाशीष सुभाषीश ने नवपत्रिका को पालकी पर बिठाकर मंदिर से गंगा तट ले जाया गया। यहां दूध, दही, घी, मधु, कपूर, गुड़, सरसों तेल, हल्दी, सहस्त्र धाराओं आदि विधि से उन्हें स्नान कराया गया। नवपत्रिका को जयकारे के साथ मंदिर परिसर लाया गया। यहां नवपत्रिका को देवी के नौ रूप में पूजा-अर्चना कर मंदिर में स्थापित कर दिया गया। इस मौके पर दीपछंदा घोष, दिलीप भट्टाचार्या, बप्पा, मंटू, सौरभ, देवाशीष बनर्जी, मुक्ता घोष अंजय घोष आदि मौजूद थे।

मंदिरों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित

शाहकुंड। प्रखंड में दुर्गा पूजा को लेकर पूरा प्रखंड क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। वहीं शुक्रवार को मां के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना की गई। माणिकपुर, कपसौना, शाहकुंड बजार, सजौर बजार, रतनगंज बजार, पंचरुखी बजार, हाजीपुर, डोहराडीह, नारायणपुर आदि गांवों में मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना भी मंदिरों में की गई। वहीं मंदिर के पट खुलते ही मां दुर्गे की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। शनिवार को प्रखंड में महाअष्टमी की पूजा-अर्चना की जाएगी।

मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की हुई पूजा

अकबरनगर। नवरात्र के सातवें दिन अकबरनगर और खेरेहिया स्थित दुर्गा मंदिर में मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की गई। शुक्रवार को सुबह से ही मंदिरों में दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो गया, जो देर शाम तक चला। श्रद्धालुओं ने मां को चुनरी, साड़ी, शृंगार के सामान, फल, मेवे आदि अर्पित किए। भीड़ भाड़ से बचने के लिए श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही मां दुर्गा देवी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि देवी की पूजा अर्चना की। अष्टमी मनाने वाले श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। मंदिरों के अलावा घरों में भी मां काली की विधिवत पूजा की गई। दोपहर में पुष्पांजलि और फिर संध्या आरती का आयोजन किया गया। अकबरनगर बाजार स्थित दुर्गा मंदिर में भक्त ने पूजा-अर्चना कर मां देवी से आशीर्वाद प्राप्त किया साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण को दूर करने के लिए मां देवी से प्रार्थना भी किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.