Corona effect : सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू, कर्मियों का नहीं बना रोस्टर
लॉकडाउन के करीब चार हफ्ते बाद सोमवार को सरकारी कार्यालयों में रौनक लौट आई है। लोग एहतियात बरतते हुए कार्यस्थल पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी लॉकडाउन जारी है।
भागलपुर, जेएनएन। सरकारी कार्यालयों में सोमवार से कामकाज शुरू हो गया है। कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण पिछले 28 दिनों से कामकाज लगभग बंद था। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में थोड़ी छूट देते हुए सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू करने के निर्देश के बाद सभी सरकारी विभाग खोल दिए गए हैं। हालांकि कार्यालयों में पहले दिन कर्मचारियों की संख्या काफी कम दिखी।
संयुक्त भवन की रौनक लौटी
संयुक्त भवन में 28 दिनों बाद फिर से रौनक लौट आई है। कामकाज शुरू हो गया है। इस भवन में सिंचाई, लघु सिंचाई, पीएचईडी, बिजली, आबकारी, स्वास्थ्य आदि विभागों के कार्यालय है। इन विभागों से जुड़े अभियंत्रण शाखा का कामकाज बंद था। सोमवार से इन विभागों से जुड़े कामकाज शुरू हो गया है। सिंचाई विभाग को बांध मरम्मत, निर्माण आदि का काम कराना है। लघु सिंचाई विभाग को बड़े तालाबों का जीर्णोंद्धार आदि का काम करना है। पीएचईडी विभाग को चापाकल, कुआं और वार्डों में बोङ्क्षरग कराने का काम करना है।
रजिस्ट्री के लिए तीन दस्तावेज जमा
निबंधन कार्यालय खुलते ही रजिस्ट्री का कार्य शुरू हो गया है। पहले दिन तीन लोगों ने ऑनलाइन दस्तावेज जमा किए हैं। 22 मार्च से जिले में जमीन के निबंधन का काम बंद था। जिला अवर निबंधक पदाधिकारी गौतम कुमार के अनुसार कामकाज के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। 33 फीसद कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को ही एक दिन में बुलाया जा रहा है। दस्तावेज का निबंधन कराने वाले पक्षकारों को निबंधन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन समय लेना होगा। निर्धारित समय पर तैयार दस्तावेज, मुद्रांक, निबंधन एवं संबंधित लेकर संबंधित लोग को आना होगा। संपत्ति का निरीक्षण करने के बाद दस्तावेज को निबंधित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 195.21 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। 97 फीसद लक्ष्य पूरा कर लिया गया। लॉकडाउन के दौरान जो भी कार्य प्रभावित हो रहा, उसे लॉकडाउन के बाद पूरा कर लिया जाएगा।
नहीं बना रोस्टर
लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों में भले ही कामकाज शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक कर्मचारियों का रोस्टर तय नहीं हो पाया है। जबकि एक दिन में 33 फीसद कर्मियों को ही कार्यालय आना है। रोस्टर नहीं बनने के कारण लगभग सभी कर्मचारी कार्यालय पहुंच गए। इस कारण कुछ कार्यालयों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो सका।