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Corona effect : लॉकडाउन बाद बदले स्वरूप में दिखेंगी ट्रेनें, रेलवे कर रहा मंथन

लॉकडाउन के बाद यात्रियों व कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्लीपर कोच के बर्थ में बदलाव हो सकता है। सवा महीने में मालदा मंडल को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 01:30 PM (IST)
Corona effect : लॉकडाउन बाद बदले स्वरूप में दिखेंगी ट्रेनें, रेलवे कर रहा मंथन
Corona effect : लॉकडाउन बाद बदले स्वरूप में दिखेंगी ट्रेनें, रेलवे कर रहा मंथन

भागलपुर [रजनीश]। लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान किसी क्षेत्र को हुआ है तो वह रेलवे है। करीब सवा महीने में सिर्फ मालदा मंडल को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। अब लॉकडाउन के बाद ट्रेनें चलेंगी तो कई बदलाव देखने को मिलेंगे। पटरियां तो वहीं रहेगी, लेकिन ट्रेनों के कोच अलग स्वरूप में नजर आएंगे। रेलवे इस पर मंथन कर रहा है।

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लॉकडाउन के बाद यात्रियों और कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्लीपर कोच के बर्थ (सीटों) में बदलाव हो सकता है। लॉकडाउन से पहले भागलपुर से चलने वाली ट्रेनों की जनरल बोगियों में 106 सीटों की जगह औसतन चार सौ लोग सफर करते थे। भीड़ और शारीरिक दूरी पर नियंत्रण करना रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। परिचालन शुरू होने के बाद महत्वपूर्ण ट्रेनों में वातानुकूलित कोच रहेंगे या नहीं। इस पर भी अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है।

कोचों में जितना सीट उतना आरक्षण

नई व्यवस्था के तहत कोच में जितने सीट होंगे, उतने ही लोग आरक्षण करा सकेंगे। वेटिंग लेस्ट में टिकटें नहीं कटेगी। नाम नहीं छापने की शर्त पर जोन स्तर के एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि स्लीपर कोच में मिडिल (बीच) का बर्थ हटाया जा सकता है। स्लीपर कोच में हर कंपार्टमेंट के बाद पारदर्शी पर्दा लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों के बीच शारीरिक दूरी का पालन हो सकेगा। इससे संक्रमण से बचा जा सकेगा। स्टेशन प्रवेश के दौरान यात्रियों को सैनिटाइज टनल से होकर गुजरना होगा। प्रवेश गेट के पास टिकट चेकिंग की व्यवस्था हो सकती है।

पैसेंजर ट्रेनों में भीड़ नियंत्रण बड़ी चुनौती

एक्सप्रेस, मेल और सुपरफास्ट ट्रेनों में रेलवे की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में भीड़ नियंत्रण करना बड़ी चुनौती होगी। यहां से खुलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के एक कोच में दोगुने से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। जिस स्टेशन से ट्रेनें चलेंगी, वहां तो भीड़ को रोका जा सकता है, लेकिन बीच के स्टेशनों पर भीड़ को रोकना मुश्किल है।

भागलपुर की ट्रेनों पर एक नजर

-24 जोड़ी रोजाना, साप्ताहिक सहित अन्य ट्रेनें खुलती है जंक्शन से

-03 पैसेंजर भागलपुर-किऊल के लिए हर दिन चलती है

-07 पैसेंजर भागलपुर-जमालपुर के बीच फिलहाल चल रही

-03 ट्रेनें भागलपुर-बांका के बीच हो रहा है परिचालन

-04 सवारी ट्रेनें भागलपुर-हंसडीहा के बीच चल रही

-01 ट्रेनें भागलपुर-सहरसा के बीच होता है परिचालन

-07 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भागलपुर-साहिबगंज के बीच

-15 एक्सप्रेस ट्रेन भागलपुर-साहिबगंज के बीच चल रहीं

-80 से 85 हजार यात्रियों का रोजना भागलपुर स्टेशन पर आवागमन

-03 से चार हजार यात्री कहलगांव स्टेशन से करते हैं सफर

-02 हजार के लगभग यात्री पीरपैंती स्टेशन से पकड़ते हैं ट्रेन

-02 से 03 हजार के बीच यात्री सुल्तानगंज स्टेशन से पकड़ते हैं ट्रेन

-16 से 18 हजार साधारण रेल टिकट की बिक्री होती है भागलपुर से

-12 सौ के आसपास रोजाना भागलपुर से होता है आरक्षण

-18 स्टेशन आते हैं भागलपुर रेल क्षेत्र के अधीन


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