Corona Effect : कांवर के सहारे होती थी इनकी नैया पार, कोरोना ने छीना रोजगार
Corona Effect Shravani Mela 2020 ऐसा ऐसा संयोग बना कि कांवर बनाने के रोजगार इस बार छिन गया। कांवरियों के लिए कांवर बनाकर साल भर जीविका चलाते थे।
कटिहार [मनीष सिंह]। Shravani Mela 2020 : गंगा और महानंदा के बीच बसा जिला का अमदाबाद प्रखंड हर साल बाढ़ की विभिषिका का दंश झेलता है। बाढ़ के कारण यहां रोजगार का संकट लोगों की प्रमुख समस्या है। लेकिन सावन के महीने में होने वाली बारिश और समस्या के बीच आस्था के माह सावन में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी लाता है। रोजगार के लिए यहां के लोगों को सावन का बेसब्री से इंतजार रहता है।
प्रखंड के बजरंगी टोला गांव के लोग सावन के महीने में कांवर बनाने का व्यवसाय करते हैं। इस कार्य में लगभग चार दर्जन परिवार के लोग हर साल जुटते हैं। लोगों के डिमांड के अनुसार कांवर तैयार किया जाता है। इसकी आपूर्ति बिहार के विभिन्न जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल तक में होती है। आस्था और श्रद्धा के पर्व में यहां निर्मित आकर्षक कांवर की विशेष मांग रहती है। बढ़ती मांग और बेहतर मुनाफा के कारण लगातार युवाओं का रूझान कांवर निर्माण की ओर बढ़ रहा है। इस बार भी युवाओं ने कांवर तैयार तो किया है, लेकिन कांवर यात्रा पर रोक के कारण उनका व्यवसाय ठप पड़ गया है। इसके कारण उनकी लगी पूंजी वापस मिलना भी मुश्किल हो गया है।
डिमांड के कारण काफी संख्या में जुड़े है लोग
बजरंगी टोला में तैयार कांवर की डिमांड लगातार बढऩे के कारण गांव के अन्य लोग भी इस व्यवसाय से जुड़ रहे हैं। कांवर निर्माण का कार्य करने वाले युवक रामदीन शर्मा, रामधनी साह, कमल शर्मा, मंटू उर्फ महेंद्र साह आदि ने बताया 10 वर्ष पूर्व यहां कांवर तैयार करने का व्यवसाय प्रारंभ हुआ था। उस दौरान एक दो लोग इससे जुड़े थे। लेकिन गुणवत्ता और आकर्षक कांवर के कारण इसकी डिमांड बढ़ी है। इसके कारण गांव के अधिकांश लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। थोक मात्रा के कांवर की डिमांड कई माह पूर्व दी जाती है। लेकिन इस बार कांवर तो तैयार हुआ है, लेकिन डिमांड नहीं होने के कारण उनके लिए पूंजी निकालना मुश्किल हो रहा है।
दिल्ली व कोलकाता से पहुंचता है कच्चा माल
कांवर निर्माण सामग्री दिल्ली व कोलकाता से मंगाई जाती है। वहां लगात मूल्य कम रहने के कारण युवा वहां से कच्चे सामनों की खरीदारी करते हैं। जबकि अन्य सामग्री स्थानीय स्तर पर तैयार की जाती है। कहा कि एक कांवर तैयार करने में एक सौ से 120 रूपये तक का खर्च आता है। जबकि इसकी बिक्री 150 से दो सौ रूपये तक होती है। कांवर निर्माण कर पूरे माह में 30 से 50 हजार तक एक व्यक्ति कमा लेता है। इस बार भी कच्चा माल मंगाकर कांवर तो तैयार कर लिया गया है। विक्रेता बाजार भी पहुंचे थे, लेकिन खरीद नहीं होने के कारण वापस लौट गए। जबकि अन्य प्रदेशों से भी इस बार डिमांड नहीं मिल रहा है।