Corona effect : दिनों-दिन सख्त होता जा रहा लॉक डाउन, सड़कों पर बढ रहा सन्नाटा
Corona effect कोरोना के संक्रमण के बचाव के लिए लॉक डाउन लगाया गया है। भागलपुर सहित पूर्व बिहार सीमांचल आदि क्षेत्रों के लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं।
भागलपुर, जेएनएन। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में सोमवार को लॉक डाउन के दौरान प्रशासनिक सख्ती और बढ़ गई। भागलपुर में कई जगहों पर बाहर घूम रहे लोगों को पुलिस ने हड़काकर घर जाने को कहा। इस दौरान वाहनों के जांच में भी तेजी देखी गई। कई लोग पांच सौ लेकर एक हजार किमी पैदल तय कर गांव लौट रहे हैं। ऐसे लोगों को रास्ते बने अस्थायी शिविरों में ठहराने की कोशिश की जा रही है। यहां भोजन, पानी और विश्राम की सुविधा है।
जगह-जगह सन्नाटा
सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है। जगह-जगह पुलिस बलों की तैनाती की गई है। भागलपुर में लोग लॉक डाउन का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। हर-चौक चौराहों पर पुलिस की तैनाती है। जमुई के सिमुलतला में कालाबाजारी के आरोप में एक दुकानदार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। लखीसराय में रामनवमी और चैती छठ को लेकर बाजार में थोड़ी भीड़ देखी गई। मुंगेर में कई वाहनों से जुर्माने की वसूली की गई। खगडिय़ा में एनएच-31, 107, महेशखूंट-अगुवानी पथ पर वीरानी छाई रही। प्रदेश से लौट रहे प्रवासियों के हुजूम को खगडिय़ा-बेगूसराय की सीमा पर सैनिक लाइन होटल पर रोक दिया गया। तत्काल उन्हें नाश्ता-पानी उपलब्ध कराया गया। बांका में पुलिस ने 27 बाइकें और पांच चारपहिया वाहन भी जब्त किए हैं। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर बाकी चीजों की दुकानें बंद रहीं। प्रशासन की ओर से सख्ती बढ़ा दी गई है। दूसरे राज्यों से सबसे अधिक प्रवासी यहीं पहुंच रहे हैं। अररिया में प्रशासन की सख्ती जारी है। किशनगंज में एनएच 31, एनएच 327ई समेत सभी सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। कालाबाजारी को लेकर जगह-जगह गोदामों में छापेमारी की जा रही है। कटिहार में लॉकडाउन को लेकर बंगाल से लगती सीमा पर 15 स्थानों पर तत्काल प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। सीमा पार कर आने वालों को 14 दिनों तक यहां रखा जाएगा। पूर्णिया में कई बाइक चालकों से जुर्माना वसूला गया।
पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में 25 हजार लोग घुसे
पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की सीमाओं पर दूसरे प्रदेश में काम करने वाले कामगारों, मजदूरों, छात्रों का हुजूम प्रवेश करने लगा है। कोसी और सीमांचल के तीन जिलों को नेपाल और बांग्लादेश की सीमा छूती है। केंद्रीय बल की प्रतिनियुक्ति की वजह से इन दोनों पड़ोसी देशों से आने वाले लागों पर थोड़ा अंकुश लगा है, लेकिन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बिहार के सैकड़ों लोग मजदूरी से लेकर बड़े कारोबार तक से जुड़े हैं। इनका बिहार की सीमा में प्रवेश जारी है। जमुई और बांका में झारखंड के रास्ते लोग पहुंच रहे हैं। कुछ लोग पश्चिम बंगाल से चलकर जमुई के रास्ते आगे बढ़ रहे हैं। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में ऐसे लोगों की तादाद लगभग 25 हजार हो सकती है। इन लोगों के लिए कई स्थानों पर स्वयंसेवी संगठन, पुलिसकर्मी व अन्य लोग भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। ऐसे लोग सीमा पर बनाए गए कैंपों में रहने के लिए तैयार नहीं हैं।
इंडोनेशिया में फंसे हनीमून बनाने गये दंपती
शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए गए इंडोनेशिया गए बैजनाथपुर पदमपुरा निवासी शिवशरण यादव पत्नी के साथ इंडोनेशिया में फंसे हैं। उनके परिवार के लोग बेहद ङ्क्षचतित हैं। पंजाब एण्ड सिंध बैंक नोयडा के राजभाषा अधिकारी शिवशरण यादव की शादी दो मार्च को हुई। वो अपनी पत्नी निशा यादव के साथ 14 मार्च को हनीमून पर इंडोनेशिया गए। 20 मार्च को विमान से उन्हें वापस आना था, परंतु कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण उड़ान स्थगित कर दिया गया। शिवशरण के पिता नारायण यादव व भाई रामशरण यादव ने भारत और बिहार सरकार से बाली शहर में फंसे शिवशरण व उनकी पत्नी को वापस लाने का प्रबंध करने का आग्रह किया है। कहा कि वे लोग मध्यम परिवार के लोग हैं। वहां फंसे रहने के कारण वे लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं।