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एक घंटे में तीन की मौत होने से हड़कंप, लोग पूछ रहे-आखिर क्‍यों नहीं लिया सैंपल

बबरगंज इलाके के रामनगर कॉलोनी में मंगलवार की सुबह एक घंटे के अंतराल में तीन वृद्धों की मौत हो गई। 50 मीटर के दायरे में तीनों के घर हैं। जिला प्रशासन ने कोरोना की जांच नहीं की।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 11:53 AM (IST)
एक घंटे में तीन की मौत होने से हड़कंप, लोग पूछ रहे-आखिर क्‍यों नहीं लिया सैंपल
एक घंटे में तीन की मौत होने से हड़कंप, लोग पूछ रहे-आखिर क्‍यों नहीं लिया सैंपल

भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर के एक ही कॉलोनी में मंगलवार की सुबह एक घंटे में दो महिला समेत तीन की मौत हो गई। बुधवार को भी शहर में सुबह से ही इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर जिला प्रशासन को तीनों का सैंपल लेकर जांच करनी चाहिए। लोगों ने कहा कि मौत किस वजह से हुई, यह जांच से स्‍पष्‍ट हो जाता है। लोगों ने जिला प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग पर आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अधिकारी गंभीर नहीं हैं।

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जानकारी के अनुसार बबरगंज इलाके के रामनगर कॉलोनी में मंगलवार की सुबह एक घंटे के अंतराल में तीन वृद्धों की मौत हो गई। 50 मीटर के दायरे में तीनों के घर हैं। घटना के बाद हड़कंप मच गया। कॉलोनी वालों ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी, फिर मेडिकल टीम और पुलिस पहुंची। मेडिकल टीम घरवालों से बीमारी होने की जानकारी ली। इसके बाद चली गई। न मृतक का सैंपल लिया गया और न ही इनके परिजनों का।

सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि मरने वाले सभी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। कोरोना से किसी तरह का संबंध नहीं है। तीनों को दाह-संस्कार के लिए बरारी स्थित श्मशान घाट लेकर स्वजन गए। मोहल्लावासियों ने बताया कि सुबह 8.30 और 9.30 के बीच घटना हुई है। मरने वालों में मृदुला देवी (80), भूदेव यादव (90) और सावित्री देवी (65) शामिल हैं। सावित्री देवी को छोड़कर दोनों हर्ट और किडनी बीमारी से पीड़ित थे। सावित्री देवी किराये के मकान में पोता देवेंद्र पोद्दार के साथ रहती थीं। हाल के दिनों में कोई यहां बाहर से नहीं आया है।

कॉलोनी में सन्नाटा, स्वास्थ्य विभाग पर निकाली भड़ास

तीन की मौत के बाद पूरी कॉलोनी में सन्नाटा पसरा है। लोग घरों में कैद हैं। कॉलोनी के दूसरे छोड़ पर इक्का-दुक्का इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। दुकानें भी बंद थीं। लोगों को अब भय सता रहा है कि कहीं सब कोरोना के संभावित मरीज तो नहीं थे। इसलिए लोगों ने खुद को घरों में कैद करना मुनासिब समझा।

कोरोना की वजह से मौत नहीं हुई। सभी के इतिहास के बारे में पता किया गया है। पुलिस से बातचीत के बाद दाह-संस्कार के लिए कहा गया था। लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। -डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन।


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