Corona effect : लॉकडाउन का पालन करने के लिए अपने खेत को बना दिया श्मशान घाट, मां को दी मुखाग्नि
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इसका पालन करते हुए नवगछिया के एक व्यक्ति ने अपनी मां का अंतिम संस्कार अपने खेत में श्मशान घाट बनाकर किया।
भागलपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशभर में किए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से पुत्र को अपनी माह का अंतिम संस्कार खेत में ही करना पड़ा। इस क्रम में उन्होंने खुद के साथ जनहित का ध्यान रखते हुए शारीरिक दूरी का सदैव पालन किए रखा। इतना ही नहीं शवयात्रा के दौरान एवं दाह संस्कार के मौके पर भी सब मास्क पहने हुए थे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि परिस्थितियों की चुनौती को हम सब ने अवसर के रूप में लिया। इसके पीछे मनसा मात्र यह थी कोरोना को हराना है देश को इस महामारी से बचाना है। मां की मृत्यु तो शाश्वत है। जिनका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है। यह तो प्रकृति का नियम है।
हालांकि मां का खेत में दाह संस्कार करते देख गांव के हर किसी की आंखे नम थी। लोग दबी जुबान में कह रहे थे। जहां जिसको जो लिखा होता है वहीं होता है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन है। इस दौरान किसी भी तरह के सामूहिक आयोजन पर रोक है। इसका पालन करते हुए नवगछिया पुलिस जिला के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत आशाटोल गांव के नित्यानंद शर्मा ने सोमवार को अपनी सत्तर वर्षीय मां मंदी देवी के सामान्य निधन पर गांव में ही चिता जलाकर अंतिम संस्कार किया। छोटे पुत्र नित्यानंद शर्मा ने बताया कि मां के निधन बाद यह तय किया कि लॉकडाउन में अंतिम संस्कार के लिए गंगा नदी किनारे नहीं जाएंगे। गांव में ही इसका इंतजाम करेंगेए जिसके बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर अपने खेत में ही चिता बनाकर मां का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा गया था। लोगों की संख्या कम थी। हिंदू धर्म के अनुसार मृतका के बड़े पुत्र को अंतिम संस्कार करना थाए लेकिन लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेश से वह घर नहीं आ सका।