Corona Effect : ...तो फिर JLNMCH में बंद हो जाएगी कोरोना की जांच
कोरोना के लिए राज्य को चार जोन में बांटा गया है। पूर्णिया कोसी भागलपुर प्रमंडल झारखंड और पूर्णिया से सटे पश्चिम बंगाल के कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच भागलपुर में होनी है।
भागलपुर, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में कोरोना की जांच तो शुरू हो गई, लेकिन किट कम होने से जांच बंद हो सकती है। अभी अस्पताल में महज 300 किट शेष हैं। यदि संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ी तो दो दिनों में यह समाप्त हो जाएगी।
दरअसल, कोरोना के लिए राज्य को चार जोन में बांटा गया है। इसमें पूर्णिया, कोसी और भागलपुर प्रमंडल के साथ ही भागलपुर से सटे झारखंड और पूर्णिया से सटे पश्चिम बंगाल के कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच भागलपुर में होनी है। इसलिए जेएलएनएमसीएच में कोरोना जांच लैब खोला गया है। भागलपुर में कोरोना जांच की सुविधा तीन मई को शुरू हुआ था। दो दिनों में करीब 50 लोगों की जांच हुई है। मंगलवार को किसी का सैंपल नहीं लिया गया है।
लैब खुलने से मिली राहत
जेएलएनएमसीएच में कोरोना जांच लैब खुलने से काफी राहत मिली है। अब जांच रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिनों तक आश्रित रहना नहीं पड़ रहा है। चंद घंटे में जांच रिपोर्ट आ जा रही है। इससे आइसोलेशन वार्ड के चिकित्सकों को इलाज करने में दिक्कतें नहीं हो रही है।
एक हजार किट का रिजर्व में जरूरी
कोरोना जांच के लिए कम से कम एक हजार किट रिजर्व रहना चाहिए। कोरोना की जांच में लगे चिकित्सकों का कहना है कि किट रहने से किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसके अनुपात में किट की संख्या काफी कम है।
कोरोना जांच किट उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है। दो से तीन दिनों में किट उपलब्ध होने की उम्मीद है। अभी लैब में किट है। हर दिन लैब में जांच हो रही है। -डॉ. आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच।
ड्यूटी से गायब मिले भागलपुर के सात डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
राज्य में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार के आदेश की अवहेलना कर भागलपुर के 7 समेत प्रदेश के कुल 362 डॉक्टर ड्यूटी से गायब पाए गए। जिसके बाद सरकार ने इन सभी के खिलाफ आपदा प्रबंधन और महामारी कानून के तहत कार्रवाई का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी डॉक्टरों को नोटिस दी है। राज्य में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों और पारा मेडिकल स्टाफ के सभी अवकाश 31 मई तक रद कर दिए है। डॉक्टरों से लेकर पारा मेडिक्स तक को कोरोना के खिलाफ जारी अभियान में लगाया गया। इस बीच सरकार ने डॉक्टरों की उपस्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए जिलों में औचक निरीक्षण किया। जिसमें यह पाया गया कि 31 मार्च से लेकर 12 अप्रैल के बीच कटिहार छोड़ 37 जिलों में तैनात 362 डॉक्टर अपने कर्तव्य स्थान पर नहीं थे।