Corona effect : जमीन बेचकर भी जिंदा रखा मदद का जज्बा, मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया
लॉकडाउन के दौरान मदद बांटते-बांटते जब इनके पास पैसे खत्म हो गए तो इन्होंने 16 लाख रुपये में अपनी दो कट्ठा जमीन बेच दी। कहा कि सबके हित में ही उनका हित है।
भागलपुर [जितेंद्र कुमार]। कई लोग विपदा की इस घड़ी में खुद नुकसान उठाकर भी जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम नाथनगर प्रखंड की नूरपुर पंचायत के करेला गांव निवासी विजय यादव का है। लॉकडाउन के दौरान मदद बांटते-बांटते जब इनके पास पैसे खत्म हो गए, तो इन्होंने 16 लाख रुपये में अपनी दो कट्ठा जमीन बेच दी। कहा कि सबके हित में ही उनका हित है। यदि लोग भूखे मर जाते हैं, तो उनको जमीन रखकर कोई फायदा नहीं मिलने वाला।
इतना सब करने के पीछे मकसद यह था कि कोई जरूरतमंद भूखा ना रह जाए। जमीन तो गई, लेकिन आज भी इनके गोदाम में बांटने के लिए 100 क्विंटल खाद्यान्न मौजूद है। 27 मार्च से अपने पैतृक गांव करेला से उन्होंने गरीबों को अनाज बांटने की शुरुआत की। अब तक वह 300 क्विंटल चावल, 250 क्विंटल आटा, 250 क्विंटल आलू व 26 क्विंटल दाल बांट चुके हैं। वह कहते हैं कि लॉकडाउन की तिथि अगर बढ़ती है, तो भी वह गरीबों के बीच खाद्यान्न का वितरण जारी रखेंगे। यदि जरूरत पड़ी तो और भी जमीन बेच देंगे। सूखे राशन के अलावा वह पका हुआ भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं।
इसके लिए पीपरपांती काली मंदिर परिसर में 15 दिनों से उनकी रसोई चल रही है। पुलिस अधिकारी भी उनकी इस काम में मदद कर रहे हैं। वह अपने खर्च से आसपास के इलाकों में सैनिटाइजेशन भी करा रहे हैं। विजय ने बताया कि उन्होंने जब राहत बांटने की शुरुआत की तो पता चला कि यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। लॉकडाउन के दौरान रोज कमाने और खाने वाले भूखे रह रहे थे। राहत बांटने में उन्होंने अंचलाधिकारी और थानों की मदद से गरीब परिवारों को चिह्नित किया। उन्होंने लोगों की मदद के लिए अपना नंबर भी सार्वजनिक किया है।
मुख्य बातें
- करेला के विजय ने जरूरतमंदों की मदद को बेची दो कट्ठा जमीन
- 27 मार्च से अपने पैतृक गांव करेला से शुरू किया राहत वितरण
- अब तक 15 हजार लोगों को उपलब्ध कराई खाद्य सामग्री
- 500 असहायों के घर रोज पहुंचा रहे भोजन के पैकेट
- मदद के लिए नंबर सार्वजनिक किया : 8083081978