Corona effect : बाजार को लगी नजर, सड़क पर भीड़, दुकानों में बोहनी तक नहीं
भागलपुर में सोना कपड़ा और अन्य सामानों की खरीदारी करने के लिए दूसरों जिलों के साथ-साथ झारखंड से भी लोग पहुंचते थे। लेकिन कोरोना काल में यहां लोग नहीं आ रहे हैं।
भागलपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में सरकार के नियम और शर्त के बाद बाजार की सभी दुकानें तक खुल गई। बाजारों में लोगों की भीड़ भी है, लेकिन दुकानों में आमद नहीं है। हाल यह है कि कई दुकानों में दो से तीन दिनों तक बोहनी भी नहीं हो रही है। व्यापारियों में उहापोह की स्थिति है। कई व्यापारी तो कारोबार समटने तक की बात कर रहे हैं। भागलपुर लॉकडाउन से मार्च से पहले सराफा सहित अन्य कारोबार चार से पांच करोड़ का होता था, जो अभी एक करोड़ में सिमट गया है। दरअसल, भागलपुर बड़ा व्यापारिक हब है। यहां से सोना, चांदी, कपड़ा, जूता, प्रसाधान और कई ब्रांडेड शोरूम भी है। इस कारण यहां के बाजार में बांका, मुंगेर, खगडिय़ा के साथ-साथ ज्ञारखंड के साहिबगंज, गोड्डा और पाकुड़ से भी लोग खरीदारी करने पहुंचते थे। इन लोगों का आना-जाना ट्रेन से ही संभव होता था। इधर, 23 मार्च से ट्रेन परिचालन बंद होने के बाद इन जगहों से लोगों का आना जाना नहीं हो रहा है। इसका असर दुकानों की बिक्री पर पड़ा है। अभी जो दुकानों में शहरी क्षेत्र और जिले के प्रखंडों से ही ग्राहक पहुंच रहे हैं।
कपड़ा, सराफा सहित कई कारोबार हुआ बेजार
कपड़ा, सराफा और अन्य का सामनों का कारोबार अभी भी पटरी पर नहीं आ सकी है। लॉकडाउन एक से लेकर अब तक दोनों कारोबार में इजाफा नहीं हुआ है। व्यवसायियों का कहना है पहले की तरह कारोबार आने में लंबा समय लगेगा। जिला स्वर्णकार संघ के उप सचिव अनिल कड़ेल की मानें तो सराफा बाजार को पूरी तरह प्रभावित किया है। कई दुकानों में ग्राहक तक झांकने नहीं पहुंच रहे हैं। कारोबार एक तरह से पूरी तरह ठप है। इसकी भरपाई में महीनों लग जाएंगे। अभी 10 से 15 फीसद बिक्री हो रही है। कपड़ा व्यवसायी कुंज बिहारी झुनझुनवाला ने कहा कि ट्रेन चलना जरूरी है, शहर के ग्राहक से दुकानों की बिक्री नहीं बढ़ सकती।
-लॉकडाउन की वजह से कपड़ा और रेडीमेड होजरी कारोबार अछूता नहीं है। किराया, बिजली शुल्क, स्टाफ का वेतन को लेकर परेशानी हो रही है। ग्राहक दिख नहीं रहे हैं। - अश्वनी जोशी मोंटी, सचिव, ईस्टर्न बिहार रेडीमेड एंड होजियरी एसोसिएशन।
-शहर में भीड़ बढ़ गई है, लेकिन भीड़ में ग्राहकों की संख्या काफी कम है। कई दुकानों में बोहनी तक नहीं हो रही है। ट्रेन चलने के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और व्यापार बढ़ेगा। -अभिषेक जैन, पीआरओ, चैंबर ऑफ कॉमर्स
मुख्य बातें
-ट्रेनों के नहीं चलने से बाहर से नहीं आ रहे खरीदारी करने वाले, कारोबार समेटने के चक्कर में हैं व्यापारी
- भागलपुर में सोना, कपड़ा और अन्य सामानों की खरीदारी करने के लिए दूसरों जिलों के साथ-साथ झारखंड से पहुंचते थे लोग
-मार्च से पहले पांच से छह करोड़ बाजार का था टर्न ओवर, अभी एक करोड़ भी होना मुश्किल
-10 से 15 फीसद अभी हो रहा सोना-पट्टी में सराफा की बिक्री
-08 से 10 फीसद कपड़ा और रेडीमेड का कारोबार
-05 से छह करोड़ के रोजाना कारोबार की जगह एक करोड़ आंकड़ा नहीं पहुंच रहा
-07 जिलों से लोग मार्च से पहले भागलपुर पहुंचते थे खरीदारी करने के लिए