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Corona effect : लॉकडाउन में रक्त को तरसा रक्त अधिकोष, मरीजों को नहीं मिल रहा खून, गर्भवती को भी परेशानी

भागलपुर बांका सहित पूर्व बिहार और सीमांचल के दो जिलों में रक्त अधिकोष ही नहीं है। जिन जिलों में रक्त अधिकोष हैं वहां फिलहाल रक्तदान करने कोई नहीं पहुंच रहा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 09:27 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 09:27 AM (IST)
Corona effect : लॉकडाउन में रक्त को तरसा रक्त अधिकोष, मरीजों को नहीं मिल रहा खून, गर्भवती को भी परेशानी
Corona effect : लॉकडाउन में रक्त को तरसा रक्त अधिकोष, मरीजों को नहीं मिल रहा खून, गर्भवती को भी परेशानी

भागलपुर [संजय सिंह]। लॉकडाउन की वजह से जिले में खुले रक्त अधिकोषों से जरूरतमंदों को रक्त नहीं मिल पा रहा है। पूर्व बिहार और सीमांचल के दो जिलों में रक्त अधिकोष ही नहीं है। जिन जिलों में रक्त अधिकोष हैं, वहां फिलहाल रक्तदान करने कोई नहीं पहुंच रहा। कुछ रक्तकोषों में तो मात्र 10 से 12 यूनिट ही खून बचा है। इसपर भी कई ग्रुपों का खून यहां नहीं है।

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पिछले दिनों बांका जिले के रैनिया की एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए बांका अस्पताल में भर्ती हुई। उक्त महिला को तीन यूनिट खून की जरूरत थी। दो यूनिट खून की व्यवस्था तो स्थानीय स्तर पर जैसे-तैसे की गई, बावजूद उस महिला की जान नहीं बच पाई। यहीं के एक व्यवसायी को बी निगेटिव खून की आवश्यकता थी। बांका जिले में ब्लड बैंक नहीं रहने के कारण उसे भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से खून लेकर अपनी जान बचानी पड़ी। भागलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में जहां सामान्य दिनों में हजार यूनिट खून रहता था, वहीं अब यहां मात्र 232 यूनिट खून बचा है। उधर, अररिया में भी ब्लड बैंक की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के मरीजों को पूर्णिया सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। यहां जरूरतमंदों को सदर अस्पताल और रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा खून उपलब्ध कराया जाता है।

दोनों जगहों पर मात्र 59 यूनिट खून है। इसपर भी सभी ग्रुप का खून यहां नहीं है। परिणामस्वरूप, थैलेसीमिया के मरीजों को भी खून उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है। सहरसा के रक्त अधिकोष पर सुपौल के लोग भी निर्भर करते हैं। यहां के भी ब्लड बैंक में मात्र 40 यूनिट ही खून बचा है। जरूरत पडऩे पर सुपौल में पुलिस के जवान और रेडक्रॉस के सदस्य खून उपलब्ध कराते हैं। सीमांचल के कटिहार और किशनगंज में भी ब्लड बैंक में खून की कमी बनी हुई है। कटिहार में हर वर्ष लगभग 2700 यूनिट खून की जरूरत पड़ती है, लेकिन अभी यहां 50 से 60 यूनिट खून ही उपलब्ध है। खून की कमी के कारण कई ऑपरेशन भी टाले जा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद ही ब्लड बैंकों में खून उपलब्धता बढऩे की उम्मीद है। अभी डोनर भी खून देने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसी स्थिति में खून बेचने वाले दलालों की चांदी हो गई है।

पुलिस हर काम के लिए सक्षम है। जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। आवश्यकता करने पर रक्तदान करने में भी पुलिसकर्मी पीछे नहीं हटेंगे और ऐसा हुआ भी है। - आशीष भारती, एसएसपी, भागलपुर


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