Corona effect : प्रवासियों का हुनर तराश खोलेंगे रोजगार के द्वार, BAU ने की कुछ ऐसी पहल
Corona effect लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से बेरोजगार हो कर लौट रहे प्रवासियों को जिले में रोजगार मिलेगा। इन प्रवासियों के हुनर की पहचान कर बीएयू कुछ ऐसी तैयारी कर रही है।
भागलपुर [ललन तिवारी]। लाखों की संख्या में वापस लौट रहे प्रवासियों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या भी है। वे खेती भी करते हैं तो उत्पादों के लिए बाजार चाहिए। पारंपरिक खेती पुख्ता समाधान नहीं है। इसे देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने एक रोडमैप बनाया है, जिससे उन्हें न सिर्फ रोजगार मिले, बल्कि पलायन की संभावना भी क्षीण हो।
कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा
गांव लौट रहे प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने को उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन, नर्सरी, उद्यान समेत अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह काम कृषि कॉलेजों और विभिन्न जिलों के कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किया जाएगा। इस रोडमैप के तहत कृषि और इस पर आधारित लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उत्पाद को बाजार भी मुहैया कराया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए दो तरह के रोडमैप बनाए गए हैं
बिहार कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर निबंधन भी शुरू कर दिया गया है। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए दो तरह के रोडमैप बनाए गए हैं। एक प्रशिक्षण सप्ताह भर का होगा, जो इसी सप्ताह शुरू होने वाला है। दूसरा प्रशिक्षण पूर्ण उद्यमिता विकास का होगा। इसमें पचास दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित प्रवासियों को कृषि उत्पाद, पैकेजिंग से लेकर बाजार तक की जानकारी और इसकी मार्केटिंग की कला में दक्ष किया जाएगा। यह कार्यक्रम 25 जिलों में चलाया जाएगा। इसका मकसद प्रवासियों को किसानी के साथ-साथ व्यवसाय में भी दक्ष करना है, ताकि वे दूसरों पर निर्भर नहीं रहें।
कंक्रीट योजना बनाई है
प्रवासियों को फिर बाहर नहीं जाना पड़े, इसलिए उनके कौशल को तराश कर उन्हें उद्यमी बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने कंक्रीट योजना बनाई है। यह शीघ्र ही शुरू होने वाला है। - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर
यहां करें आवेदन
- प्रशिक्षण के लिए कोई भी व्यक्ति डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.बीएयूसबौर.एसी.इन पर आवेदन कर सकता है। आवेदन करने वालों को 50 से 60 दिनों का प्रशिक्षण मिलेगा। अब तक 80 लोगों ने आवेदन किया है।
-तीन से चार दिनों की ट्रेनिंग के लिए टॉल फ्री नंबर 18003456455 व वाट्सएप नंबर 7004528893 पर भी आवेदन कर सकते हैं। अभी तक तीन लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है।
प्रवासी आ रहे अपने राज्य
यहां बता दें कि कोरोना वायरस से बचने और इसके प्रसार को रोकने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। अभी लॉकडाउन का चौथ चरण चल रहा है। इस चरण में बड़ी संख्या में राज्य से बाहर रहे रहे लोगों को उनके अपने राज्यों में भेजा रहा है। इसके लिए लगतार श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में भागलपुर में भी बड़ी संख्या में प्रवासी पहुंचे। ऐसे प्रवासियों को यहीं रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बन रही है।