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Corona effect : इम्युनिटी पावर बढ़ाने को काम करेगा बीएयू, डेढ़ करोड़ की परियोजना का भेजा प्रस्ताव

बिहार में यह पहली ऐसी परियोजना है। इसके तहत औषधीय पौधों की खेती कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। कोरोना के बढ़ते हुए प्रभाव को बीएयू ने इसपर काम करने की इच्छा जताई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 09:47 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 09:47 AM (IST)
Corona effect : इम्युनिटी पावर बढ़ाने को काम करेगा बीएयू, डेढ़ करोड़ की परियोजना का भेजा प्रस्ताव
Corona effect : इम्युनिटी पावर बढ़ाने को काम करेगा बीएयू, डेढ़ करोड़ की परियोजना का भेजा प्रस्ताव

भागलपुर [ललन तिवारी]। कोरोना के बढ़ते हुए प्रभाव को देखकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने इम्युनिटी पावर से संबंधित परियोजना पर काम करने की इच्छा जताई है। इसके लिए डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है। बिहार में यह पहली ऐसी परियोजना है। इसके तहत औषधीय पौधों की खेती कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

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मौसम के अनुकूल औषधीय पौधों की नई व दुर्लभ किस्मों पर शोध, वैल्यू चेन में इनकी खेती और प्रसंस्करण कर उत्पाद तैयार कराने की दिशा में काफी तैयारी विवि कर चुका है। नालंदा के पान अनुसंधान केंद्र, इस्माइलपुर में हर्बल गार्डन विकसित किया जा रहा है। केंद्र के प्रमुख डॉ. एसएन दास बताते हैं कि अश्वगंधा, सफेद मूसली, सतावर, मधुनाशिनी, स्टीविया, सेना, अजवाइन, गिलोय समेत 100 प्रकार के औषधीय पौधे यहां लगाए गए हैं। इस गार्डन का नाम 'औषधि वाटिका स्वास्थ्य रक्षिका' रखा गया है। बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने बताते हैं कि गार्डन में उपजने वाली औषधियों से इम्युनिटी पावर बढ़ाने वाले टेबलेट और पाउडर आदि बनाए जाएंगे। इस काम में पटना के अगमकुंआ आयुर्वेदिक कॉलेज एवं गुजरात की हर्बल कंपनी से सहयोग लिया जाएगा। सरकार द्वारा परियोजना की स्वीकृति मिलने के बाद मुख्यालय के फूड डेवलपमेंट सेंटर में प्रसंस्करण शुरू कर दिया जाएगा। इससे किसान भी समृद्ध होंगे। तैयार उत्पाद भी गरीब परिवारों की पहुंच के अंदर होंगे।

परियोजना का उद्देश्य औषधीय पौधों की खेती का विस्तार और कम कीमत पर लोगों को इम्युनिटी पावर उत्पाद उपलब्ध कराना है। इससे किसानों के बीच भी समृद्धि बढ़ेगी। - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर

बिहार में पहली बार ऐसी परियोजना बनाई गई है। इससे किसान सहित सभी तबके के लोगों को फायदा मिलेगा। आने वाले समय में बेहतर आयुर्वेदिक दवा निर्माण का बिहार हब बन सकता है। - डॉ. अरविंद कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना

परियोजना पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। बहुत जल्द इसे स्वीकृत किया जाएगा। इससे किसानों की खुशहाली बढ़ेगी और उत्पादों के सहारे लोग भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकेंगे।- डॉ. प्रेम कुमार, कृषि मंत्री, बिहार


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