Lockdown Bihar : खत्म हुआ अनाज तो महिला ने PMO से मांगी मदद, फिर दौड़े-दौड़े आए अधिकारी
जब भूख से व्याकुल बच्चे को देख उसकी मां ने पीएमओ को फोन कर भोजन की मांग की। पीएमओ ने महिला को शीघ्र खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
भागलपुर, जेएनएन। पीएम मोदी देश की जनता का कितना ख्याल रखते हैं ये अक्सर सामने आ जाता है। कभी तो वो रिक्शावाले की मदद करते हैं तो कभी बिहार की जीविका दीदियों के काम की सरहाना करते हैं, तो कभी किसी छात्र की उपलब्धियों पर उन्हें बधाई भी देते हैं। इस बार पीएम मोदी की तरफ से गरीब और भूख से तड़प एक परिवार को खाना दिया।
व्यवस्था पर विश्वास और सूचना तकनीक का साथ। समस्या का समाधान भी हो जाए तो लोकतंत्र की वह परिकल्पना साकार हो उठती है, जब सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति देश के किसी आम आदमी की सीधे फिक्र करता नजर आता है। प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली मदद उस व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान भर नहीं, मानों पीएम और आम आदमी के इस रिश्ते पर लोकतंत्र मुस्करा रहा हो।
शनिवार की रात की ही बात है। भागलपुर जिला अंगर्तत नाथनगर के नूरपुर में एक परिवार को खाने के लाले पड़े थे। लॉकडाउन के कारण काम-धंधा भी बंद। सुजीत के घर कुछ नहीं था। दिन में तो बच्चों को बचा-खुचा खिला दिया, पर रात भारी पड़ गई। अगले दिन की चिंता अलग। घर में कुछ भी भले न हो, पर मोबाइल था और पत्नी को इस्तेमाल का तरीका भी पता। इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए रात एक बजे पीएमओ को संदेश भेज दिया। तकनीक ने अपना काम कर दिया था, अब भरोसे की बारी थी। सुबह होते ही रविवार को नाथनगर के अंचलाधिकारी राजेश कुमार और ललमटिया चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश राशन लेकर खड़े थे। ऐसे और वाकये हैं, जो कहीं-न-कहीं लोगों में सिस्टम के प्रति भरोसे को मजबूत करते दिख जाते हैं। दोनों पदाधिकारी सोमवार को भी पहुंचे और राशन मुहैया कराया।
इससे पहले, भागलपुर के बड़ी खंजरपुर में दूसरों के घरों में चूल्हा-चौका और बर्तन साफ करने वाली तीन अनाथ बच्चियों को जब पड़ोसियों ने भी खाना देने से इनकार कर दिया, ताे तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र की हेल्प डेस्क काे इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और एक घंटे के अंदर बच्चियाें के घर पर खाना पहुंच गया। खाना देखते ही बच्चियों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
इसी तरह सबौर के राजपुर में मो. मिनहाज और मो. ताज और सफियागढ़ी में भी एक परिवार को पीएमओ के निर्देश पर प्रशासन ने तत्काल राशन उपलब्ध कराया। सुल्तानगंज में भी एक जरूरतमंद परिवार को राहत सामग्री पहुंचाई गई। सुदूर इलाके के एक आम आदमी की प्रधानमंत्री खुद सुध ले रहे हों, प्रशासन तन्मयता से जुटा हो तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति मजबूत होते भरोसे का भी अहसास करा जाता है।