कोरोना जांच बंद, नहीं हो रही संक्रमितों की पहचान
भागलपुर। कोरोना एक बार फिर लोगों को शिकार बनाने लगा है लेकिन इसके लिए आम लोगों के
भागलपुर। कोरोना एक बार फिर लोगों को शिकार बनाने लगा है, लेकिन इसके लिए आम लोगों के साथ-साथ सरकारी तंत्र भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि, जब से कोरोना टीका लगाने का अभियान प्रारंभ हुआ तब से जिलों में संदिग्ध मरीजों की जांच ही बंद है। ऐसे में संक्रमितों की पहचान कैसे हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में जांच बंद होने से पता ही नहीं चल रहा है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। वैसे भी अब अस्पतालों में भी आने वाले मरीज और उनके स्वजन मास्क पहनना छोड़ चुके हैं। वहीं शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया जा रहा है।
जांच में अधिकांश ग्रामीण ही संक्रमित मिले थे
मार्च से जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी। एंटीजन किट द्वारा संदिग्ध मरीजों की जांच भी की जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिले में अबतक 9572 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें तकरीबन आठ हजार लोग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। अभी तक 81 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। 70 लोग ग्रामीण हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटीजन किट से संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती थी, लेकिन अब बंद है। दीगर बात है कि जब जांच ही नहीं होगी तो संक्रमितों की जानकारी कैसे होगी। कोरोना के लक्षणों में सर्दी-खांसी और बुखार होना है। मौसम परिवर्तन होने पर सर्दी-खांसी और बुखार से लोग पीड़ित हो रहे हैं, लेकिन इनमें कोरोना संक्रमित भी हैं या नहीं इसकी जांच नहीं की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह के मुताबिक आवश्यकता होने पर लोग खुद आकर अस्पताल में जांच कराएं। सरकार द्वारा निर्देश देने पर ही फिर से कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाएगी।
कोविड सेंटर भी बंद
कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए टीटीसी महाविद्यालय में कोविड सेंटर खोला गया था, अब बंद है। वहीं जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आइसोलेशन विभाग में भी जांच बंद है और मरीज भी नहीं हैं। आइसीयू में पिछले 20 दिनों में तीन-चार कोरोना संक्रमितों को ही भर्ती किया गया है। अस्पताल में थर्मल स्कैनिंग बंद है। मरीज और उनके स्वजन बिना मास्क के अस्पताल आ रहे हैं। किसी भी विभाग में मरीजों और उनके स्वजनों द्वारा शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया जा रहा है। अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि भर्ती मरीज का एंटीजन जांच की जाती है।
बुजुर्ग की हो चुकी है मौत
23 फरवरी को स्थानीय तातारपुर में एक बुजुर्ग की मौत हो चुकी है। 15 फरवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन स्थिति खराब होने पर 17 को पटना रेफर किया गया था। पिछले चार दिनों में चार ग्रामीण और दो शहरी क्षेत्र के संक्रमित मिले हैं। यह जानकारी कंट्रोल रूम खोलने के बाद ग्रामीणों ने फोन कर बताया।
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कोरोना जांच का लक्ष्य बढ़ता गया
शुरुआती दौर में संदिग्ध कोरोना मरीजों की प्रतिदिन जांच का लक्ष्य चार हजार था। जो धीरे-धीरे पांच हजार से लेकर छह हजार प्रतिदिन किया गया। जांच के सैंपल लेने में लापरवाही की वजह के कारण भी जांच को बंद करना। तकरीबन आठ लाख लोगों की जांच की गई।
कोविड सेंटर में सुविधा
टीटीसी कोविड सेंटर से लेकर आइसीयू और आइसोलोशन विभाग में भर्ती संक्रमितों को नाश्ता, भोजन से लेकर उनके मनोरंजन तक की सुविधा दी गई थी। साथ ही समाचार पत्र भी दिए जाते थे। पीपीई किट, मास्क भी दिए जाते थे।