किराए के कमरों में रखी जा रही जब्त की जा रही शराब, खगड़िया में साधन-संसाधन की कमी, कैसे होगी पूरी शराबबंदी?
बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पांच साल से लगातार बिहार सरकार बड़े-बड़े अभियान चला रही है। बिहार में हर रोज शराब की बरामदगी भी हो रही है। जो कई सवाल खड़े करता है। दूसरी तरफ उत्पाद विभाग किराए के मकान पर जब्त शराब को रख रहा है।
जागरण संवाददाता, खगड़िया: शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार सख्त है। लगातार इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। बीते दिनों गोपालगंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर आदि जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद सरकार की जमकर किरकिरी हुई। जिसके बाद सरकार भी इसे सख्ती से निपटने की तैयारी में नए रोडमैप तैयार कर रही हैं। सभी जिले के थानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सभी थाने की पुलिस और उत्पाद विभाग को इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले में थानों के पास तो शराब के कारोबार में इस्तेमाल किए गए वाहनों को जब्त कर रखने के लिए जगह है। लेकिन उत्पाद विभाग पहले से ही किराए के मकान में चल रहा है। न विभाग के पास मालखाना है और ना कार्यालय, ना ही जब्त किए गए वाहनों को रखने की जगह है। जबकि इनके ऊपर जिले के सात प्रखंडों की जवाबदेही है। अगर एक साथ उत्पाद विभाग 500 पेटी शराब को किसी छापेमारी के दौरान जब्त कर लेती है तो शराब को रखना उत्पाद विभाग के लिए टेढ़ी खीर हो जाएगी। दो कमरे के उत्पाद विभाग में कर्मियों के बैठने तक की जगह नहीं बचेगी। दो कमरे के उत्पाद विभाग के भीतर ही एक भाग को काटकर माल खाना बनाया गया है। जिसकी क्षमता मात्र 200 पेटी की है।
उत्पाद विभाग पर पूरे जिले में शराबबंदी कानून लागू करने की जवाबदेही है। लेकिन उन्हें ना तो अपने कार्यालय दिए गए हैं और ना ही समुचित सुविधाएं मुहैया कराए गए हैं। अनुमंडल कार्यालय में दो कमरे आवंटित किए गए हैं। जहां इतनी भी जगह नहीं है कि विभाग में कार्यरत पदाधिकारी अपनी टेबल लगा सकें। बता दें कि जिले के सात प्रखंडों में शराब की तस्करी को रोकने के लिए उत्पाद विभाग के पास मात्र 15 सदस्यीय टीम है। जिसके सहारे उन्हें पूरे जिले में छापेमारी कर इसे रोकना है।
15 सदस्यीय टीम में उत्पाद अधीक्षक विकेश कुमार सहित तीन अवर निरीक्षक, दो निरीक्षक और नौ सिपाही शामिल हैं। उत्पाद अधीक्षक विकेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अगर एक साथ जिले में पांच जगहों पर छापेमारी करने की आवश्यकता पड़ जाए, तो मात्र दो ही जगहों पर टीम को क्षमता अनुसार भेजी जा सकती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा एक भी चार पहिया वाहन नहीं दिया गया है। किराए की गाड़ी से छापेमारी दल जिले में गश्ती करने निकलती है।