राज्य सम्मेलन में बांग्ला भाषियों के उत्पीडऩ पर उठाई चिंता, कई हुए सम्मानित Bhagalpur News
भागलपुर के टॉउन हॉल में अखिल भारतीय बंगाली समिति का 52वां राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर बांग्ला भाषियों का उत्पीडऩ पर चिंता उठाई गई।
भागलपुर [जेएनएन]। अखिल भारतीय बंगाली समिति का 52वां राज्य सम्मेलन टाउन हॉल में संपन्न हुआ। केंद्रीय अध्यक्ष तपन सेनगुप्ता ने कहा कि बिहार बंगाली समिति देश में बंगालियों का सबसे सशक्त संगठन है। भागलपुर की सांस्कृतिक विरासत में बंगाली समाज का अहम योगदान रहा है। समिति सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है। राज्य में बांग्ला शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है। प्राथमिक स्कूलों को छोड़कर माध्यमिक, उच्च और कॉलेजों में शिक्षक नहीं है।
केंद्रीय सचिव नितीश विश्वास ने कहा कि एनआरसी के नाम पर असम में बांग्ला भाषियों का उत्पीडऩ हो रहा है। महासचिव सुनिर्मल दास ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन में कहा कि समिति की शाखाओं का सामाजिक सरोकार से गहरा नाता है। प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन डॉ. दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि बांग्ला भाषी छात्रों पर सरकार का ध्यान नहीं है। इसके लिए मुख्यमंत्री से बात की जाएगी। कोषाध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा ने आय-व्यय का ब्योरा पेश किया। नगर शाखा अध्यक्ष रत्ना मुखर्जी ने अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन में कई जिलों के 200 प्रतिनिधि पहुंचे। इससे पूर्व सुबह में दुर्गाचरण प्राथमिक स्कूल से प्रभातफेरी निकाली गई। छोटे-छोटे बच्चे स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर की वेश में दिखे।
शहर के आठ गणमान्य हुए सम्मानित
13 साल बाद शहर में हुए सम्मेलन में केंद्रीय कमेटी की ओर से स्व. मुकुटधारी अग्रवाल, स्व.डॉ. अनिल कुमार विश्वास, डॉ. विनय कुमार माहाता, डॉ. शांतनु घोष, प्रो. डॉ. रमण कुमार सिन्हा, डॉ. सोमेन कुमार चटर्जी, प्रो. डॉ. बहादुर मिश्र को प्रशस्तिपत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। स्व. मुकुटधारी अग्रवाल का सम्मान पौत्र सिद्धार्थ अग्रवाल, स्व. डॉ. अनिल कुमार विश्वास का सम्मान उनकी पत्नी मोनिका विश्वास ने लिया। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. अमिता मोईत्र ने विचार रखे।
कलाकारों ने बांधा समा
बांग्ला कलाकारों ने 'धन धान्ये पुष्पे भरा, आमादेर एई बसुंधरा, ताहार माझे आछे देश एक सकल देशेर सेरा' की सामूहिक की प्रस्तुति से की। सोमनाथ सरकार और रिंकू मजुमदार ने मायावन विहारिनी हरिणी गहन सपन संचारिनी, तुमि ताई गो आमारो परानो जाहा चाए... की प्रस्तुति की तो सभी झूमने लगे। रात 11 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई।