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हथियार का ट्रिगर दबाने वाली उंगलियां अब चला रहीं कंप्यूटर, बदल दी आतंक कायम करने वालों की तकदीर Bhagalpur News

जेल प्रशासन का प्रोत्साहन मिलने से ये कैदी फोटो शॉप समेत कई तरह के एप्लीकेशन के जानकार बन गए हैं। इन्होंने अन्य कैदियों को भी कंप्यूटर एप्लीकेशन में पारंगत बनाने की ठानी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 10:55 AM (IST)
हथियार का ट्रिगर दबाने वाली उंगलियां अब चला रहीं कंप्यूटर, बदल दी आतंक कायम करने वालों की तकदीर Bhagalpur News
हथियार का ट्रिगर दबाने वाली उंगलियां अब चला रहीं कंप्यूटर, बदल दी आतंक कायम करने वालों की तकदीर Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में बंद 24 उम्रकैदी तकनीकी शिक्षा में दक्ष होकर कंप्यूटर चलाने लगे हैं। इनमें 22 कैदियों के हाथ कभी कत्ल के गुनाह में रंगे थे। सभी उम्रकैद काट रहे हैं जबकि दो कैदियों ने मादक पदार्थ की तस्करी में 20 साल की कैद काट रहे हैं।

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इन कैदियों के गुनाह संगीन थे। जेल में उनके नजदीक कोई अन्य कैदी फटकता तक नहीं था। जेल प्रशासन ने उनकी गतिविधियों और पृष्ठभूमि की जानकारी ले उन्हें हुनरमंद बनाने का फैसला किया। कैदी कल्याण से जुड़ी योजनाओं के तहत उन्हें कंप्यूटर शिक्षा के लिए प्रेरित करना शुरू किया। प्रारंभ में उनका दिल नहीं लगा। तास और लूडो खेल समय काटने में ज्यादा दिलचस्पी लेते थे। लेकिन कारा अधिकारियों ने उनकी दिलचस्पी कंप्यूटर में जगाई। धीरे-धीरे वे कंप्यूटर के माउस थाम तकनीकी जिज्ञासा को साझा करने लगे। नतीजा हुआ कि कत्ल करने वाले हाथ कंप्यूटर के माउस छू हुनरमंद बनने लगे। कंप्यूटर शिक्षा को आत्मसात करने वाले इन 24 कैदियों में दक्षता आनी शुरू हुई तो दूसरे कैदी भी शिक्षा की ओर प्रेरित हुए।

फोटो शॉप समेत कई एप्लीकेशन की जानकारी ले बन गए माहिर

जेल प्रशासन का प्रोत्साहन मिलने से ये कैदी फोटो शॉप समेत कई तरह के एप्लीकेशन के जानकार बन गए हैं। इन्होंने अन्य कैदियों को भी कंप्यूटर एप्लीकेशन में पारंगत बनाने की ठानी है। इसके लिए जेल अधीक्षक रूपक कुमार, उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी तकनीकी शिक्षा पाने वाले कैदियों को सहयोग भी कर रहे हैं। कारा प्रशासन ने निपुण कैदियों को आगे की तकनीकी शिक्षा के लिए भी तैयार करने की सोची है ताकि जेल के अंदर अकादमिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिल सके।

इन कैदियों ने बदल डाली दुनिया

मुहम्मद रिजवान, फुच्ची लाल मांझी, बुद्धि मंडल, टुन्ना दास, अरविंद यादव, पंचानंद पासवान, मिथिलेश कुमार, राजा यादव, विश्वनाथ मंडल, मुहम्मद अमीरूद्दीन, प्रताप साह, मुहम्मद नजीर, शिवा यादव, अमित लाला, धमेंद्र यादव, मनोज भारती, राकेश कुमार, मुहम्मद बदरूद्दीन, पिंटन यादव, धुरखेली मंडल, पप्पू पासवान, काजू दास, घुटर मिश्रा शामिल हैं। इनमें रिजवान और बदरूद्दीन को मादक पदार्थ तस्करी में सजा मिली जबकि शेष 22 कैदी कत्ल के जुर्म में सजा काट रहे हैं।

रूपक कुमार (अधीक्षक, शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर) ने कहा कि कैदियों को सरकारी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत मिले, इसका प्रयास करता हूं। इसके नतीजे भी अच्छे मिल रहे हैं। कैदियों के बीच वैमनस्यता, मारपीट अब बीते दिनों की बात होने लगी।


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