TMBU : आखिर किनके शह पर हुई थी सीनेट की बैठक में हंगामा और तोडफ़ोड़
सीनेट की बैठक में मंगलवार को हंगामा और तोडफ़ोड़ मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस मामले में जहां सीनेट के कुछ सदस्यों के अलावा छात्र नेताओं पर भी आरोप लगे हैं।
भागलपुर (जेएनएन)। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में मंगलवार को हंगामा और तोडफ़ोड़ के लिए तीन सीनेट सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया गया है। विवि के कुलानुशासक डॉ. विलक्षण रविदास ने विवि थाने में दिए आवेदन में कहा है कि मारवाड़ी कॉलेज में सभागार में सीनेट की बैठक प्रारंभ होते ही वहां के छात्रसंघ अध्यक्ष करण शर्मा, विवि छात्रसंघ अध्यक्ष जयप्रीत मिश्रा, विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक कुश पांडेय, कुणाल तिवारी, कुणाल पांडेय के साथ 15-20 छात्र जबरन प्रवेश कर गए।
सभी विवि की गाड़ी को धक्का देते हुए सभागार के ग्रिल को तोड़कर प्रवेश कर गए और हंगामा करने लगे। डीएसडब्ल्यू और कुलानुशासक के साथ अभद्र व्यवहार एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए हंगामा मचा दिया। सभागार में रखी वस्तुओं, बजट की कॉपी सहित अन्य कागजात, गमले, तबला, हरमोनियम आदि तोड़ते हुए पूरे सभागार को रणक्षेत्र में बदल दिया। लगभग दो घंटे तक उत्पात मचाने के बाद वे लोग बाहर गए। पूरे वक्त सीनेट की बैठक ठप रही। किसी तरह जल्दीबाजी में सीनेट की बैठक का कार्य निपटाया गया। कुलानुशासक ने आवेदन देकर संबंधित लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वहीं मारवाड़ी कॉलेज के भी प्राचार्य डॉ. गुरुदेव पोद्दार ने भी अपने यहां हंगामा और नुकसान को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सीनेट सदस्यों पर उकसाने का आरोप
आवेदन में कहा गया है कि कॉलेज के तैनात गार्ड और कर्मचारियों ने पूछने पर बताया कि सीनेट के सदस्य प्रभाष कुमार उर्फ भरत सिंह जोशी एवं सीनेट सदस्य जयकृष्ण झा के इशारे पर सीनेट सदस्य मुकेश कुमार ने अपनी कार से दो बार में उपद्रवी छात्रों को सभागार तक पहुंचाया था। ये तीनों व्यक्ति सभागार में भी तोडफ़ोड़ करने में छात्रों को उकसा रहे थे। जिसे सभी लोगों ने देखा है। जानकारी हो कि ये तीनों सीनेट सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य हैं।
पुलिस पर भी आरोप
उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनी रही एवं असंयोगनातमक व्यवहार अपनाया जिसकी उम्मीद विश्वविद्यालय प्रशासन को बिल्कुल नहीं थी। इन सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य ने दर्ज कराई प्राथमिकी
मारवाड़ी कालेज के प्राचार्य डॉ. गुरुदेव पोद्दर ने भी पांच नामजद छात्रों सहित करीब 15-20 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है। आवेदन में उन्होंने अपने यहां हुए नुकसान का भी जिक्र किया है।
छात्रसंघ अध्यक्ष की दलील
वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष जयप्रीत मिश्र ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से निवार्चित छात्र संघ के प्रतिनिधियों को सीनेट की बैठक से बाहर रख अंदर लोकतंत्र की हत्या की जा रही थी। हम शांतिपूर्ण तरीके से बैठक का विरोध कर रहे थे। कुलानुशासक प्रो. विलक्षण रविदास के इशारे पर हमें पीटा गया। आंदोलन के लिए उकसाया गया और आज उल्टा हम पर ही प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। उन्होंने कहा है कि छात्रसंघ फर्जी मुकदमों से डरने वाला नहीं है। पूरे उत्साह से छात्र हित की लड़ाई जारी रहेगी। हम उच्च न्यायालय एवं राजभवन की शरण में जाएंगे।
विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक कुश पांडेय ने अभाविप कार्यकर्ताओं पर हुए मुकदमें की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि यह लोकतंत्र का हनन है। विवि ने हिटलरशाही रवैया अपनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसका जवाब दिया जाएगा।