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बच्चे बनाएंगे देश को स्वच्छ रखने का प्रोजेक्ट, भारत सरकार को देंगे सुझाव

सरकार ने इंटर तक के बच्चों को देश को स्वस्थ और स्वच्छ रखने का प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। सरकार की कल्पना को साकार करने के लिए बच्चों से सुझाव लिए जा रहे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 03:15 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 03:15 PM (IST)
बच्चे बनाएंगे देश को स्वच्छ रखने का प्रोजेक्ट, भारत सरकार को देंगे सुझाव
बच्चे बनाएंगे देश को स्वच्छ रखने का प्रोजेक्ट, भारत सरकार को देंगे सुझाव

भागलपुर (राम प्रकाश गुप्ता)। सरकार ने इंटर तक के बच्चों को देश को स्वस्थ और स्वच्छ रखने का प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। सरकार की कल्पना को साकार करने के लिए बच्चों से सुझाव लिए जा रहे हैं। बच्चों के बेहतरीन सुझाव पर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की प्रधान सचिव डॉ. हरजोत कौर ने डीएम को इस संबंध में आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया है। डीएम ने डीईओ के माध्यम से सभी स्कूल प्रबंधन को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बच्चों के इस प्रोजेक्ट को 27 दिसंबर से होने वाले राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में रखा जाएगा। इसके लिए मध्य विद्यालय से लेकर इंटर तक के विद्यालयों में अभ्यास प्रारंभ हो गया है।

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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने इस विषय पर प्रतिभा और ज्ञान विकसित करने के लिए ग्रामीण और शहरी बच्चे, जिनकी उम्र दस से 17 वर्ष है, को वैज्ञानिक परियोजना (प्रोजेक्ट) तैयार करने को कहा है। इस वर्ष का थीम 'स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ राष्ट्र हेतु विज्ञान, तकनीक एवं नवाचार रखा गया है। प्रतिभागी बच्चों को इस विषय पर वैज्ञानिक परियोजना तैयार करना है। सरकार ने कहा है कि यह एक बहुआयामी एवं दूरदर्शी कार्यक्रम है जिसका लाभ अधिक से अधिक स्कूली बच्चों को मिलना चाहिए। खरीक के एक प्रभारी प्रधानाध्यापक कहते हैं कि मध्य विद्यालय से ही बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है। स्कूलों में एक स्वच्छता मंत्री होता है जो स्वच्छता और पेयजल सहित परिवेश की साफ रखने की प्लानिंग करता है। इसके लिए अभिलेखों का भी संधारण होता है।

मध्य विद्यालय, तुलसीपुर (खरीक) के प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश आनंद ने कहा कि बच्चे कैसे स्वस्थ रहेंगे और विद्यालय परिसर कैसे स्वच्छ रहेगा, यह निर्णय बाल संसद के माध्यम से बच्चे लेने लगे हैं। इस कार्यक्रम को गाइड करने के लिए एक शिक्षक को नामित किया जाता है।


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