वाह री पुलिस : सात साल पूर्व रिहा छोटू उसी मुकदमे में फिर गिरफ्तार Bhagalpur News
लोदीपुर थानाध्यक्ष ने छोटू को दो चौकीदारों के साथ हथकड़ी में न्यायालय भेज दिया। उसे हाजत में दिया जाने वाला भोजन तक नहीं दिया गया।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। लोदीपुर पुलिस ने 22 वर्षीय मुहम्मद छोटू को चोरी के उस मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया जिसमें उसे सात साल पूर्व रिहाई मिल चुकी थी। लोदीपुर थाना क्षेत्र के तहबलपुर कला गांव पहुंची पुलिस टीम को जब छोटू के पिता मुहम्मद जब्बार, मां बीबी नजमा ने यह समझाना चाहा कि उसका बेटा कोई अपराध नहीं किया है। बचपन में वह लेमनचूस चुराने दुकान के अंदर घुस गया था। न्यायालय ने उसे रिहा कर दिया। फैसले की कापी भी थाने में तब जमा करा दिया था। दोनों ने उसकी कापी पुलिस टीम को भी दिखाई। लेकिन पुलिस टीम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। छोटू को गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दिया गया। लोदीपुर थानाध्यक्ष ने छोटू को दो चौकीदारों के साथ हथकड़ी में न्यायालय भेज दिया। उसे हाजत में दिया जाने वाला भोजन तक नहीं दिया गया। न्यायालय में अवकाश था लेकिन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और एसीजेएम कार्यालय में न्यायिक कर्मचारी कार्य कर रहे थे। संबंधित थानों से गिरफ्तार आरोपितों से संबंधित दस्तावेज पर न्यायिक पदाधिकारियों से आदेश-निर्देश के लिए कार्यालय खुला था। लोदीपुर पुलिस छोटू को लेकर पहुंची। पीके रतन के न्यायालय का प्रभार देख रहे अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद चंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने रिकार्ड अवलोकन बाद हकीकत जान छोटू को मुक्ति दे दी।
29 अप्रैल 2010 में लेमनचूस चुराने दुकान में घुस गया था छोटू
29 अप्रैल 2010 को जब दुकान में लेमनचूस और गल्ले से रुपये चुराने के जुर्म में 15 साल की उम्र में गिरफ्तार किया था। उस समय किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट राजीव कुमार की अदालत ने बाल सुधार गृह भेज दिया था। वहां से 25 जून 2010 को जमानत बाद मुक्त किया गया था। किशोर न्याय बोर्ड ने सात जुलाई 2012 को पहली गलती होने के कारण पांच हजार रुपये के समतुल्य बंध पत्र के उत्तरदायित्व से मुक्त करते हुए रिहा कर दिया था।
10 जुलाई 2018 को कोर्ट से थाने को छोटू की रिहाई की दी गई थी सूचना
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने लोदीपुर पुलिस की ओर से 10 जुलाई 2018 को लिखित सूचना दी थी कि छोटू की रिहाई पूर्व में हो चुकी है। उसके विरुद्ध न्यायालय की ओर से जारी सारे प्रोसेस बिना तामिल किए न्यायालय को वापस कर दें। दरअसल छोटू के परिजन लोदीपुर पुलिस की ओर से उत्पन्न की जाने वाली परेशानी से आजिज हो न्यायालय से गुहार लगाई थी। न्यायालय के उक्त निर्देश के बाद भी लोदीपुर पुलिस ने ऐसी अजब-गजब कार्रवाई की। एक सवाल यह उठता है कि यदि न्यायालय से छोटू की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने संबंधी कोई ताजा आदेश यदि जारी हुआ हो तो ऐसी स्थिति में 10 जुलाई 2018 को न्यायालय की ओर से उसी मुकदमे में रिहाई हो जाने की जानकारी संबंधी सूचना का हवाला देते हुए थानाध्यक्ष को न्यायालय में अर्जी देनी चाहिए थी? लेकिन ऐसा नहीं कर महकमे की फजीहत कराई।