सृजन घोटाला : डीएम की जगह बैंक प्रबंधक के नाम जारी हुआ था चेक Bhagalpur News
सीबीआइ ने जांच में यह भी पाया कि घोटाला को अंजाम देने के लिए तत्कालीन कुछ डीएम के चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए हैं। जांच में तीन चेकों पर डीएम का फर्जी हस्ताक्षर पाया।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर से जुड़े करीब 23 सौ करोड़ रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले की सीबीआइ जांच में दिनों दिन चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो रहे हैं। तत्कालीन जिलाधिकारी बिरेंद्र प्रसाद यादव द्वारा चेक के दोनों ओर दो रंगों की स्याही से हस्ताक्षर किए जाने के बाद जांच के क्रम में एक और बड़ा मामला सामने आया है। नजारत द्वारा 12.20 करोड़ रुपये के दो चेक डीएम के नाम से नहीं जारी कर बैंक के प्रबंधक के नाम से जारी किए गए थे। उस बैंक में डीएम के नाम से नया खाता खुला था। हद तो तब हो गई जब चेक की राशि तुरंत ट्रांसफर करने का दबाव बनाने के लिए बैंक के क्लोजिंग के दिन चेक पर डीएम ने प्लीज क्रेडिट लिख दिया था।
सीबीआइ ने जांच में यह भी पाया कि घोटाला को अंजाम देने के लिए तत्कालीन कुछ डीएम के चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए हैं। सीबीआइ ने इस प्राथमिकी की जांच में तीन चेकों पर डीएम का फर्जी हस्ताक्षर पाया। नया चेकबुक प्राप्त करने के लिये डीएम का फर्जी हस्ताक्षर किया गया। सीबीआइ ने जांच में पाया कि बैंक से जारी नया चेकबुक डीएम को नहीं दिया गया।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि कुछ बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से भी घोटाला किए। वह बैंक ड्राफ्ट डीएम के नाम से दिया गया और रुपये भी डीएम के नाम के खाते में जमा करा देना दिखाया गया। मामले में सीबीआइ ने 8 नवंबर 2019 को भागलपुर स्थित पटेल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक के तत्कालीन सहायक प्रबंधक मोहम्मद तौकीर कासिम, तत्कालीन क्लर्क अजय कुमार पांडेय और आरोपित पांडेय का ड्राइवर विनोद कुमार पर पहला आरोप पत्र दायर किया था। जांच आगे बढ़ी तब मामले में इंडियन बैंक के ही तत्कालीन सहायक प्रबंधक राकेश और नजारत के नाजिर अमरेन्द्र कुमार यादव के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआइ ने दायर कर दिया।