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सृजन घोटाला : अवैध निकासी पर सभी विभाग करें नीलाम पत्र वाद Bhagalpur News

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ कर रही है। अगस्त 2017 में सृजन घोटाला उजागर हुआ था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 04:22 PM (IST)
सृजन घोटाला : अवैध निकासी पर सभी विभाग करें नीलाम पत्र वाद Bhagalpur News
सृजन घोटाला : अवैध निकासी पर सभी विभाग करें नीलाम पत्र वाद Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर जिले के विभिन्न विभागों और प्रखंडों से सृजन संस्था में 1900 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के बाद की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने उपस्थित सभी विभागों से अब तक की प्रगति की जानकारी ली। डीएम ने सृजन आरोपित सभी विभागों को अवैध निकासी की राशि के विरुद्ध नीलाम पत्र दायर करने का निर्देश दिया। अभी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ने नीलाम पत्र वाद दायर किया है।

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इसके अलावा राशि वसूली के लिए मनी सूट दायर करने की कार्रवाई करने को भी कहा। डीएम ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कहा, चेक जारी करने की अगर मंशा या तरीका ठीक नहीं है तो संबंधित के खिलाफ आरोप पत्र गठित करें। बैठक में को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी सहित बिहपुर, कहलगांव और सबौर के बीडीओ अनुपस्थित थे। डीएम ने उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है।

मालूम हो कि जिन-जिन विभागों की राशि गई थी, इस पर महालेखाकार ने अंकेक्षण प्रतिवदेन दिया था। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में सिविल सर्जन से सृजन के खाते में गई राशि की जानकारी ली। सिविल सर्जन ने बताया कि 40,75,483.00 रूपये की अवैध निकासी हुई है। बैंक के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। मनी सूट दायर करने हेतु सरकारी अधिवक्ता से मंतव्य प्राप्त करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। जिस निलाम पत्र पदाधिकारी के यहां वाद चल रहा है। उसे लगातार फालोऑप करने को भी कहा। एक सप्ताह में अनुपालन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कार्यालय में जो त्रुटि पाई गई है, उसकी पुनरावृति कदापि नहीं हो इस पर ध्यान दिया जाए।

सिविल सर्जन ने बताया कि तत्कालीन सिविल सर्जन के विरूद्ध प्रपत्र 'क' का गठन कर भेजा गया था। जिस पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। रोकड़पाल के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। डीआरडीए में जो बैंक के द्वारा गड़बड़ी की गई है, जिस पर अंकेक्षक ने आपत्ति की है। बैंकवार पूर्व विवरण मंगाने का निदेश उप विकास आयुक्त को दिया। भविष्य में वित्त विभाग के निदेशों का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि रोकड़ पंजी का मिलान कर संतुष्ट हो लें। जिस कर्मी की भागीदारी है उसकी भी जांच कर लें। नाजिर पर कार्रवाई हुई की नहीं। अंकेक्षण आपत्ति का जबाब तैयार कर लें। सभी डीडीओ मनीसूट दायर करेंगे, जहां इस प्रकार का राशि हस्तांतरण हुआ है।

जिलाधिकारी ने कहा कि समाहरणालय में भी जिस नाजिर के समय में चेक कटा है, वहां कैश बुक का सत्यापन कर लें। नजारत उप समाहत्र्ता को निर्देश दिया कि मनी सूट एवं नीलाम पत्र की कार्रवाई करें। जिस कार्यालय में वास्तविक व्यय की जानकारी नहीं है। वह कार्यालय महालेखाकार से संपर्क कर वास्तविक व्यय की जानकारी प्राप्त करें। बुडको में जो राशि अपव्यय हुई है उस पर मनी सूट दायर करें और विस्तृत प्रतिवेदन दें।

बैठक से अनुपस्थित और रिपोर्ट नहीं देने वालों से स्पष्टीकरण मांगने के लिए कहा गया। भू-अर्जन के विरुद्ध मनी सूट एवं नीलाम पत्र दायर करने का निदेश दिया गया। कल्याण विभाग की भी समीक्षा की गई। 221.65 करोड़ रुपये के विरुद्ध मनी सूट एवं नीलाम पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया। बैठक में अपर समाहत्र्ता, उप विकास आयुक्त, जिला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन, एवं प्रखंड से आये रोकड़पाल मौजूद थे।

सीबीआइ कर रही मामले की जांच

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ कर रही है। अगस्त 2017 में सृजन घोटाला उजागर हुआ था। सीबीआइ ने जांच में तेजी के लिए सबौर में कैम्प कार्यालय बनाया था। बाद में पूछताछ के लिए कई विभागों को दिल्ली भी बुलाया जा रहा है।

सृजन मामले में फिलहाल नहीं होगी कार्रवाई

सृजन मामले में फिलहाल किसी भी प्रकार की कार्रवाई होने की संभावना नहीं है। जिले के ज्यादातर अधिकारियों की ड्यूटी श्रावणी मेले में लगा दी गई है। इस कारण जांच कार्य पर असर पड़ेगा। डीएम ने सृजन घोटाला के मामले में वैसे अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन विभागों का पैसा सृजन में गया है, उन विभागों के द्वारा संबंधित बैंकों पर सर्टिफिकेट केस और मनी सूट दायर करें। साथ सृजन के नाम जारी चेक के मामले में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कहने को जांच कार्य शुरू हो गया है। लेकिन हकीकत में अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाया है। श्रावणी मेला के बाद ही इस मामले प्रशासन की ओर से कुछ भी कार्रवाई हो सकती है।


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