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भागलपुर की मौसी के कांड में संलिप्त IAS वीरेंद्र यादव के पैतृक गांव में CBI की एंट्री, जमुई से जुड़ा लिंक

भागलपुर की मौसी मनोरमा देवी के किए गए सृजन घोटाले के एक मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम आईएएस अधिकारी वीरेंद्र यादव के खिलाफ CBI लगातार कार्रवाई कर रही है। अब वीरेंद्र यादव के पैतृक गांव में CBI ने एंट्री ली है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam BajpaiPublished: Fri, 07 Oct 2022 11:18 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 11:18 PM (IST)
भागलपुर की मौसी के कांड में संलिप्त IAS वीरेंद्र यादव के पैतृक गांव में CBI की एंट्री, जमुई से जुड़ा लिंक
भागलपुर सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की कार्रवाई...

जागरण टीम, जमुई : चर्चित सृजन घोटाला का तार जमुई से जुड़ गया है। शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने जमुई में दस्तक दी और IAS अधिकारी वीरेंद्र यादव के पैतृक गांव भूल्लो में लोगों से पूछताछ की। बताया जाता है कि टीम वहां तकरीबन 20 मिनट तक रुकी। इस दौरान ग्रामीण के अलावा उनकी पैतृक संपत्ति की देखरेख करने वाले गोस्वामी से पूछताछ की। स्थानीय लछुआड़ थाने की पुलिस भी सीबीआई की टीम के साथ थी।

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ग्रामीणों ने बताया कि करीब आधा दर्जन की संख्या में सीबीआई के अधिकारी लगभग 4:00 बजे भूल्लो गांव पहुंचे थे। टीम में डीएसपी स्तर के एक अधिकारी मौजूद थे। यहां सीबीआई के अधिकारियों ने डा वीरेंद्र यादव की संपत्ति की जानकारी ली। साथ ही उनके यहां आने जाने का ब्यौरा लिया। हालांकि सीबीआई टीम ने लछुआड़ पुलिस को गोपनीय आपरेशन के सिलसिले में आने की बात कही है। आपरेशन किस मामले में हुई, इस बात की जानकारी सीबीआई द्वारा नहीं दी गई है। वैसे बताया जा रहा है कि इस आपरेशन का तार सृजन घोटाला से जुड़ा है।

IAS अधिकारी और सृजन घोटाला 

सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने कोर्ट के स्पेशल केस संख्या 03/20 में वीरेंद्र यादव समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। 9 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है। सृजन घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव ने अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगाने और जमानत देने के लिए आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

  • आरोप के अनुसार भागलपुर जिले में की मिलीभगत से महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजना की करोड़ों रुपयों की राशि का घोटाला किया गया था।
  • मामले की प्राथमिकी सीबीआई ने आरसी 11ए/2017 के रूप में दर्ज की थी।
  • सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में रजनी प्रिया और अमित कुमार समेत कई लोगों के खिलाफ मूल आरोप पत्र दाखिल किया था।
  • जिसके बाद 17 नवंबर 2021 को सीबीआई ने तत्कालीन जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार यादव की संलिप्तता पाते हुए उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है।
  • इस मामले में रजनी प्रिया और अमित कुमार फरार चल रहे है और पूर्व जिलाधिकारी वीरेंद्र यादव की ओर से दायर सशरीर उपस्थिति की माफी याचिका 30 मई 2022 को खारिज कर दी गई थी और आज यानी 23 सितंबर 2022 को अदालत ने वीरेंद्र यादव को अग्रिम जमानत की सुविधा देने से भी इनकार कर दिया था।

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