फिल्म अभिनेत्री Kangana Ranaut पर सहरसा न्यायालय में वाद दायर, भारत 15 अगस्त 1947 को ही आजाद हुआ था
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट के खिलाफ बिहार के सहरसा व्यवहार न्यायालय में नालिसी वाद आज दर्ज कराया गया है। पूर्व विधायक किशोर कुमार ने दर्ज कराया वाद। भारत की आजादी पर फिल्म अभिनेत्री के बयान पर जताया विरोध।
जागरण संवाददाता, सहरसा। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट के खिलाफ सहरसा व्यवहार न्यायालय में नालिसी वाद दर्ज कराया गया है। पूर्व विधायक किशोर कुमार ने यह मामला अपने वकील के माध्यम से दायर किया है। बुधवार को पूर्व विधायक सीजेएम के न्यायालय में उपस्थित हुए। पूर्व विधायक ने बताया कि इस देश को महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, अशफाकउल्लाह खां, वीर सावरकार सहित अन्य ने देश को आजादी दिलायी। देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ।
नौ नवंबर को कंगना रनौट ने एक न्यूज चैनल को यह बयान दिया कि भारत को 2014 में वास्तविक आजादी मिली है। 1947 में मिली आजादी भीख में मिली। यदि 1947 में देश को आजादी मिली तो कोई युद्ध क्यों नहीं हुआ। कहा कि इस प्रकार का बयान देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वालों का अपमान है।
यह देश की संप्रभुता, अखंडता, गौरवशाली इतिहास की छवि को धूमिल करने जैसा है। भारत की आजादी में कोसी क्षेत्र के हजारों लोगों ने अपना योगदान दिया। इस मामले में जिला विधिवेत्ता संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता सुदेश कुमार सिंह, सचिव अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह, अधिवक्ता रवींद्र सिंह, संजय कुमार और विनोद सिंह ने बहस किया। सीजेएम ने मामले को राजेश कुमार के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि ऐसे लोगों के इस तरह के बयान को इतना प्रचार क्यों मिल जाता है। यहां बता दें कि कंगना ने कहा था कि 1947 में भारत को मिली आजादी भीख थी। कहा था कि भारत को आजादी वर्ष 2014 में मिली। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर कोई देश की आजादी के संबंध में गलतबयानी से करता है तो मजाक उड़ा देना चाहिए था। यहां बता दें कि कंगना रनौट के खिलाफ कई जगह इस मामले में परिवाद दायर किया गया है।