बांका लोकसभा : गठबंधन की गांठ में उलझे हैं यहां के संभावित प्रत्याशी
बांका के अखाड़ा में इस बार अधिकांश बड़े पहलवान पुराने ही रहेंगे। मौजूदा समय में राजद संसदीय दल के नेता जयप्रकाश नारायण यादव बांका से सांसद है।
भागलपुर/बांका [जेएनएन]। बांका में दूसरे चरण में लोकसभा का चुनाव होगा। होली के पहले 19 मार्च से नामांकन होगा। भागलपुर, बांका, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होगा। अब तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रत्याशियों के चयन में एनडीए ने भी चुप्पी साध रखी है।
इस बीच चुनाव आयोग अबकी संसदीय चुनाव का एलान करने में आगे हो गया है। वहीं, बांका संसदीय सीट के लिए गठबंधन की गांठें सुलझना अभी बाकी है। प्रत्याशी की कौन पूछे अभी बांका सीट को लेकर जदयू और भाजपा दोनों सहयोगी दलों में किसकी सीट होगी, यह भी फैसला नहीं हो सका है। महीने भर बाद ही मतदान हो जाएगा। ऐसे में चुनाव घोषणा के बाद इस अखाड़े में कूदने वाले पहलवान का नाम और दल जानने को जनता बेताब हो गयी है।
जानकारों के मुताबिक बांका के अखाड़ा में इस बार अधिकांश बड़े पहलवान पुराने ही रहेंगे। मौजूदा समय में राजद संसदीय दल के नेता जयप्रकाश नारायण यादव बांका से सांसद है। ऐसे में उनका लडऩा लगभग तय माना जा रहा है। एनडीए के घटक दलों को लेकर और ज्यादा सस्पेंस है। इसके दोनों प्रमुख दल को अभी इस सीट पर जीत का पहला स्वाद चखना बाकी है। हालांकि पूर्व सांसद सह भाजपा नेता पुतुल कुमारी की चर्चा भाजपा और जदयू दोनों के उम्मीदवार के रूप में की जा रही है। कहा यह भी जा रहा है कि सीट चाहे जदयू को मिले या भाजपा को उम्मीदवार पुतुल कुमारी ही होंगी।
पूर्व सांसद और जदयू नेता गिरिधारी यादव भी इस अखाड़े के पुराने पहलवान हैं। अंतिम समय तक लोगों को उनके कदम का इंतजार रहेगा। पुराने पहलवान में सीपीआई की महागठबंधन में जगह नहीं बनने पर उसके पूर्व प्रत्याशी संजय कुमार का मैदान में उतरना तय है। पिछले संसदीय चुनाव में जदयू समर्थन से वे तीसरे स्थान पर रहे थे। पूर्व विधायक राजकिशोर प्रसाद उर्फ पप्पू यादव बाहरी भगाओ की हवा बुलंद कर मैदान में उतरने को तैयार बैठे हैं।
भाजपा प्रत्याशी पुतुल कुमारी पिछला लोकसभा चुनाव दस हजार वोट से हार गईं थीं। इसके पहले बांका लोकसभा उपचुनाव में पुतुल कुमारी जीतीं थीं, हालांकि पुतुल कुमारी उस समय निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थी। इस चुनाव में भाजपा ने पुतुल कुमारी के समर्थन में अपना कोई उम्मीदवार यहां नहीं दिया था। सांसद दिग्विजय सिंह के निधन के बाद बांका में उपचुनाव हुआ था। चुनाव में अपने पति की सीट को पुतुल कुमारी बचा लीं थी।
इससे पहले 2009 के संसदीय चुनाव में निर्दलीय दिग्विजय सिंह चुनाव जीते थे। वहीं, 2004 के संसदीय चुनाव में समता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर दिग्विजय सिंह चुनाव जीते थे।