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राजीव हत्याकांड : कुछ करीबियों पर भी पुलिस की नजर Bhagalpur News

24 दिसंबर को भागलपुर में व्‍यापारी राजीव कुमार साह की हत्‍या कर दी थी। इस हत्‍याकांड पुराना विवाद सामने आ रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। छापेमारी जारी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 10:56 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 10:56 AM (IST)
राजीव हत्याकांड : कुछ करीबियों पर भी पुलिस की नजर Bhagalpur News
राजीव हत्याकांड : कुछ करीबियों पर भी पुलिस की नजर Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। मिरजानहाट निवासी तेल व्यवसायी राजीव कुमार साह की हत्या मामले में पुलिस कुछ करीबियों पर भी नजर रख रही है। इस हत्याकांड में कई ऐसी विरोधाभाषी जानकारियां पुलिस को मिली है, जिसके आधार पर कुछ करीबियों की भूमिका संदिग्ध है। तेल व्यवसायी की 24 नवंबर को काजीचक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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हत्या में शामिल भाड़े के शूटरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह का मुख्य सरगना कहलगांव इलाके में छिपा है। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह भाग निकला। शूटर के पकड़ में आने के बाद ही हत्याकांड के पीछे किसका हाथ है, इसकी जानकारी लग सकेगी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस संदिग्ध की तलाश की जा रही है उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। वह कहलगांव में हुई लूट में भी आरोपित रहा है। उसकी गिरफ्तारी होने पर कुछ दिन दक्षिणी इलाका शांत रहा था, लेकिन फिर वही स्थिति हो गई है। पुलिस ने इलाके में जो भी सीसीटीवी कैमरे पुलिस ने खंगाले हैं, उसमें इस संदिग्ध से मिलता-जुलता चेहरा दिखा है। इसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने कई बाइकें भी जब्त की। इन बाइकों का सत्यापन कराया जा रहा है। ताकि पता चल सके कि वह किसका है।

व्यवसायी की हत्या के दिन ही भाग निकले कुछ बदमाश

24 दिसंबर को काजीचक में हुई राजीव कुमार साह की गोली मारकर हत्या मामले में पुलिस ने शुक्रवार को भी कई सीसीटीवी कैमरे को खंगाला है। जिसमें राजीव को गोली मारने वाले शूटर दिखे हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि कुछ इलाकाई बदमाश राजीव की हत्या के दिन से ही अपने घर से फरार हैं। पुलिस ने उन्हें दबोचने के लिए कई बार ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वे लोग नहीं मिले। तकनीकी जांच के आधार पर भी पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। हालांकि नौ दिन बाद भी पुलिस के हाथ इस मामले को लेकर खाली हैं।

मोबाइल फोन भी आ रहा बंद

जिस आपराधिक गिरोह की पहचान राजीव की हत्या को लेकर की गई है, उस गिरोह के कुछ मुख्य और कुछ गुर्गों ने अपना मोबाइल बंद रखा है। इस कारण तकनीकी जांच में भी पुलिस को विशेष जानकारी नहीं मिली है। आशंका है कि वे लोग घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे दिन ही शहर छोड़ चुके थे। उनके गिरोह की गतिविधियां काफी कम इलाके में हत्या के बाद से दिख रही थीं।

लूट में या अन्य विवाद में हुई हत्या, साबित करना चुनौती

पुलिस व्यवसायी की हत्या मामले में दो बिंदू पर जांच में जुटी है। पहला राजीव की हत्या लूट के दौरान तो नहीं हुई है, जैसा हत्या के प्रत्यक्षदर्शी कर्मी विकास ने पुलिस को बताया है। वहीं जिस तरह राजीव को गोलियों से छलनी किया गया, इस हत्या को पुलिस लूट नहीं मान रही है। हत्या की मोडस अप्रेंटी से पता चल रहा है कि राजीव की सुनियोजित तरीके से गोली मारकर हत्या कराई गई है। यह साबित करना पुलिस के लिए चुनौती होगी।

पूछताछ के आधार पर कई बिंदुओं पर पुलिस कर रही सत्यापन

पुलिस ने राजीव की हत्या के बाद कई लोगों से पूछताछ की है। जिसके आधार पर पुलिस कई बिंदुओं पर सत्यापन में जुटी हुई है। जो भी जानकारियां पुलिस को मिली हैं, उन्हें पुलिस कन्फर्म करने के लिए अलग अलग लोगों से जानकारी जुटा रही है। उसमें जो भी बातें संदिग्ध हैं, उसकी सूची तैयार की जा रही है।


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