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बस मालिक परिवहन विभाग का लगा रहे चक्‍कर, कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को ढोने का अब नहीं मिला है किराया

परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए किराए पर लिए बस का भाड़ा आज तक बस मालिक को नहीं मिल पाया है। बस मालिक विभाग का चक्‍कर लगा रहे हैं पर उनका कोई सुनने वाला नहीं है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 07:12 PM (IST)
बस मालिक परिवहन विभाग का लगा रहे चक्‍कर, कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को ढोने  का अब नहीं मिला है किराया
58 दिन बस चलने के बाद भी बस मालिक को नहीं किया भुगतान

जागरण संवाददाता, बांका । कोरोना काल में प्रवासी कामगारों को लाने के लिए किराया पर लिए गए बसों का किराया अब तक भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण बस मालिकों में नाराजगी है। कुछ बस मालिक बकाया भुगतान के लिए परेशान हो उठे हैं। हाल इस कदर खराब है कि विभाग का चक्कर लगाते-लगाते कई वाहन मालिकों की चप्पल घिस गई है। उन्‍होंने मानवता के आधार पर कम किराए पर प्रशासन को बस उपलब्‍ध कराया था, फि‍र भी विभाग की ये हालत है। 

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ताजा मामला खुशबू डिलक्स के मालिक पवन सिंह की है। जिन्होंने कोरोना काल में सबसे पहले अपने बस को प्रशासन की सहायता के लिए भेजा था। पर विभाग ने इस सहायता के बदले उनको दौड़ा कर परेशान कर दिया है। पवन ने बताया कि कोरोना काल में उनकी बस 58 दिनों तक प्रवासी कामगार व क्वारंटाइन सेंटर तक लोगों को लाने ले जाने के लिए चलती रही।

बस चालक को खाने तक का प्रशासन ने नहीं दिया पैसा

बस चालक को खाने तक का पैसा प्रशासन ने नहीं दिया। वे स्वयं बस चालक व सहचालक का खाना घर से लेकर जाते थे। इसके बाद भी पैसे का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। साथ ही बताया कि कार्यालय जाने पर हर बार नया बहाना प्रधान सहायक द्वारा बनाकर टरका दिया जाता है। प्रधान सहायक द्वारा बताया कि उनके बस का लॉग बुक में गड़बड़ी हो गई है। जबकि लॉगबुक की छाया प्रति उनके पास है। पवन ने बताया कि उनके अलावे दस वाहन का भुगतान विभाग की लापरवाही के कारण रूका पड़ा है। बस मालिक का कहना है कि ऐसे में किसी निजी बस मालिक द्वारा संकट की घड़ी में कैसे बस चलाया जाएगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि इधर, विभागीय पदाधिकारी ने बताया कि जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा आश्‍वासन तो दिया जा रहा है पर भुगतान की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है।


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