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BSEB, Bihar Board Matric Result: भागलपुर में जानिए रिजल्ट की क्या रही स्थिति, 2020 की तुलना में 4243 ज्यादा शामिल हुए थे परीक्षार्थी

BSEB Bihar Board Matric Result मैट्रिक का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस बार भाागलपुर के छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा। कई छात्र टॉप टेन में रहे। जबकि पिछले साल यहां के छात्रों का प्रदर्शन निराशाजनक था।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 11:10 AM (IST)
BSEB, Bihar Board Matric Result: भागलपुर में जानिए रिजल्ट की क्या रही स्थिति, 2020 की तुलना में 4243 ज्यादा शामिल हुए थे परीक्षार्थी
BSEB, Bihar Board Matric Result: मैट्रिक का परिणाम घोषित कर दिया गया है।

जासं, भागलपुर।  वर्ष 2021 के फरवरी माह में संपन्न हुई मैट्रिक की परीक्षा में जिले में कुल 50504 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसमें से 25491 छात्रों और 25013 छात्राओं का नाम था। इसमें से करीब आठ हजार परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे, जबकि 2020 में महज 46261 ही परीक्षार्थी शामिल हुए थे। लॉकडाउन और कोरोना के बाद भी पिछले वर्ष की तुलना में 4243 परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा थी। कोरोना काल में परीक्षा होने के कारण जिला और अनुमंडल क्षेत्र में कुल 57 केंद्र बनाए गए थे। शहरी क्षेत्र में 42 और 15 केंद्र नवगछिया और कहलगांव अनुमंडल में बना था। 17 फरवरी से 24 तक परीक्षा कदाचारमुक्त संपन्न हुई थी।

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2018 के बाद एक भी टॉप टेन में नहीं

मैट्रिक की परीक्षा में 2018 के बाद एक भी परीक्षार्थी का नाम राज्य की टॉप टेन की सूची में नहीं आया। शाहकुंड की प्रेरणा राज ने 457 अंक प्राप्त कर सूबे में पहला स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद 2019 और 2020 का परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा। लगातार दो वर्ष तक भागलपुर का मैट्रिक में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। किसी छात्रों का प्रदर्शन राज्यस्तरीय नहीं रहा। इससे जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे थे। भागलपुर में हर साल 45 से 48 हजार के बीच छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होते हैं। 2020 में 46261 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें 22280 छात्र और 23011 छात्राएं थीं। जबिक 2021 में परीक्षार्थियों की संख्या 50504 थी। इस बार मैट्रिक परीक्षा भागलपुर सदर अनुमंडल सहित कहलगांव और नवगछिया कुल 57 केंद्रों पर दोनों पालियों में 17 से 24 फरवरी तक हुई थी। आठ दिनों तक चले परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त संपन्न हुई थी। कोरोना और लॉकडाउन होने के कारण पढ़ाई बाधित रहा था। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं को बेहतर रिजल्ट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। और इसका असर भी देखने को मिला।  


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