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भागलपुर जेल में बंद इस शख्स की आवाज से ही कभी हिल जाते थे अधिकारी, अब...

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मास्टर माइंड ब्रजेश ठाकुर शर्मशार करने वाले कृत्य से अब इस मुकाम तक पहुंचने को है कि उसे अब उससे अपने भी मुंह मोडऩे लगे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:51 PM (IST)
भागलपुर जेल में बंद इस शख्स की आवाज से ही कभी हिल जाते थे अधिकारी, अब...
भागलपुर जेल में बंद इस शख्स की आवाज से ही कभी हिल जाते थे अधिकारी, अब...

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र] । मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मास्टर माइंड ब्रजेश ठाकुर शर्मशार करने वाले कृत्य से अब इस मुकाम तक पहुंचने को है कि उसे अब उससे अपने भी मुंह मोडऩे लगे हैं। उसका कभी रुतबा ऐसा था कि मंत्री से लेकर संतरी तक उसके फोन पर हिलने लगते थे। कितने राज उसके छाती में दफन हैं जिसका परत दर परत तो दूर एक पन्ना भी खुला तो सूबे में बड़ी राजनीतिक हलचल खड़ी हो सकती। अधिकारियों की नींद उड़ रही है। कभी ब्रजेश का ऐसा ही रुतबा कायम था और अभी जेल के अंदर आठ बाय दस के सेल कोठरी में मच्छरों के बीच रात बिताने को मजबूर है।

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सोमवार को यहां की विशेष केंद्रीय कारा के थर्ड सेक्टर में उससे मिलने वालों की पहली मुलाकाती समय था। जिस दिन ब्रजेश को लाया गया तब यह शोर उठा कि उससे मिलने कई लोग आए लेकिन उसे बैरंग वापस लौटना पड़ा। हकीकत थी कि उससे कोई मिलने तब आया ही नहीं था। जेल प्रशासन की ओर से मुजफ्फरपुर से भागलपुर तक उसके आगमन समय को सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा गया था। सोमवार को उससे मिलने मात्र उसकी पत्नी, बेटा और भांजा ही था। जेल प्रशासन की ओर से हालांकि पांच लोगों को मिलने की इजाजत दी गई थी। पांच मुलाकाती संख्या भी नहीं जुटा। ब्रजेश के साथ घिनौना खेल खेलने और खेल कराने वालों की लंबी-चौड़ी फौज हुआ करती थी। जिसमें शामिल सारे के सारे उसके करीबी उसका साथ छोड़ भूमिगत हो गए हैं। सोमवार को जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर ब्रजेश के घर के सदस्य ही मिलने पहुंचे जिनकी संख्या तीन ही थी।

ब्रजेश ठाकुर से मिलने पहुंचे पत्नी, भांजा और बेटे

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर से विशेष केंद्रीय कारा के अति सुरक्षित थर्ड सेक्टर में मिलने सोमवार को उसकी पत्नी कुमारी आशा, बेटा राहुल आनंद और भांजा सौरभ कुमार पहुंचे। जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर तीनों की मुलाकाती आवेदन पत्र वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने 8.24 बजे जांचा और सुरक्षा तलाशी के बाद सहायक जेलर के पास भेज दिया। जेल के प्रथम खंड के समीप बने कक्ष में तीनों की स्टील फोटोग्राफी कराई गई। उनके आधार कार्ड समेत अन्य पहचान पत्र की फिर जांच हुई और उन्हें थर्ड सेक्टर के लिए रवाना कर दिया गया। 8.40 बजे थर्ड सेक्टर की बड़ी जालीदार खिड़की के पास तीनों को ब्रजेश ठाकुर से मिलने का मौका दिया।

परिवार के तीनों सदस्य साथ में सूखे खाद्य पदार्थ लेकर पहुंचे थे। थर्ड सेक्टर के जिस एकमात्र बड़े जालीदार खिड़की के पास बंदियों से उनसे मिलने वालों की मुलाकाती कराई जाती है, वहां पहले से कई मुलाकाती मौजूद थे। अंदर से बंदियों को खड़े कर उनके अपनों से बातचीत कराई जाती है। जाली इतनी घनी होती है कि अंदर से बंदियों की आवाज सुनाई देती लेकिन सही से चेहरा नहीं देखा जा सकता। सप्ताह में एक दिन सोमवार को ही मुलाकाती का समय थर्ड सेक्टर के बंदियों के लिए निर्धारित होने की वजह से भीड़ अधिक थी। दो घंटे की मुलाकाती में ब्रजेश ठाकुर से उसकी पत्नी, बेटे और भांजे ने हाल जाना।

ब्रजेश ठाकुर को खांसी की शिकायत होने की बात सामने आ रही है। जेल प्रशासन ने हालांकि सोमवार को भी ब्रजेश की नियमित स्वास्थ्य जांच कराई। रक्तचाप सामान्य ही बताया गया है। जेल प्रशासन मुख्य प्रवेश द्वार पर बैग स्कैनर और हैंड मेडल डिटेक्टर से लैस सुरक्षाकर्मियों को लगाने के अतिरिक्त मैनुअल जांच की भी व्यवस्था की थी, ताकि किसी किस्म की कोई चूक ना हो।


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