Lockdown Again Bhagalpur: कोरोना काल में Brahmaputra Mail में नहीं दिखती शारीरिक दूरी, सभी लांघ रहे 'लक्ष्मण रेखा'
Lockdown Again Bhagalpur कोरोना काल में भागलपुर में लॉकडाउन है। इस बीच आज ब्रह्मपुत्र मेल का परिचालन हुआ। इसके बावजूद यात्रियों ने लॉकडाउन का पालन नही किया।
भागलपुर, जेएनएन। Lockdown Again Bhagalpur: डिब्रूगढ़ से चलकर दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल सोमवार को समय 7.28 से नौ मिनट पहले पहुंची। एक नंबर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन खड़ी हुई कि पैसेंजर सवार होने के लिए टूट पड़े। कोई स्लीपर में सवार होने को परेशान था तो कुछ एसी कोच में चढ़ने की जदोजहद कर रहा था। खैर, ट्रेन पहले पहुंच गई थी, लेकिन खुली 7.38 समय पर ही। यात्रियों के कोच में जाने के बाद जागरण की टीम भी ट्रेन के स्लीपर कोच संख्या-छह में प्रेवश की। कोच के अंदर की हालत देखकर टीम भौंचक रह गई।
कोच में ज्यादातर पैसेंजर मास्क नहीं पहने हुए थे। नीचे वाली सीट पर पैसेंजर इस कदर सट कर बैठे थे मानों कोरोना वायरस से पूरी तरह अनजान हैं। पूरे कोच की स्थिति यही रही। कोई शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते दिखे। हर किसी ने हर किसी ने 'लक्ष्मण रेखा' लांघी। इन सभी में ट्रेन में किसी का न डर और न बीमारी फैलने की चिंता दिखी। अब इस कोच से निकलकर सीधा पेंट्रीकार गए। पेंट्रीकार में यात्रियों का खानपान नहीं। पर, चाय-पानी का इंतजाम दिखा। वेंडर पानी की आपूर्ति करते दिखे। वहीं एसी कोच वाले पेंट्रीकार की कुछ बर्थ पर वर्दी वाले जवान भी बैठे थे। वर्दी देखकर कोई कर्मी भी नहीं टोक रहा था। पूछे जाने पर पेंट्रीकार कर्मी ने कहा सर, यह हालत हर दिन की है। रोज दर्जनों वर्दी वाले लोग जबरन चढ़ जाते हैं। मना करने पर उलझ जाते हैं। समय कम होने की वजह से कुछ मिनट बाद जागरण टीम निकलकर जनरल कोच में प्रवेश किया। इस कोच में सीट के हिसाब से पैसेंजर थे। मतलब 106 सीट पर 106 पैसेंजर। कुछ पैसेंजर सीट के ऊपर वाले स्टैंड (रैक) पर सोए थे। घड़ी का कांटा 7.38 छूने वाला था, इस बीच सिग्नल भी हो गया और गार्ड साहब की सीटी भी बज गई...। ट्रेन भागलपुर को छोड़ रही थी। फिर हम भी उतर गए।
जबरन प्रवेश कर रहे वर्दी वाले, हर दिन नोकझोंक
अभी भागलपुर के रास्ते सुलतानगंज, जमालपुर, किऊल, मोकामा, पटना, आरा, बक्सर, दिल्ली जाने के लिए एक ही ट्रेन ब्रह्मपुत्र मेल स्पेशल बनकर चल रही। इस ट्रेन से हर दिन पुलिस के जवान बिना टिकट के सफर कर रहे हैं। जब मुख्य गेट पर एंट्री नहीं करने दिया जाता या फिर टिकट की मांग की जाती है तो वे लोग सीधा उलझ जाते हैं। सोमवार की सुबह भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। दो बिहार पुलिस के जवान ब्रह्मपुत्र मेल पकड़ने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करने लगे। जब रेल कर्मी और आरपीएफ ने रोका तो उलझ गए। काफी देर तक तू तू मैं मैं होती रही, लेकिन जवान नहीं मानें और जबरन प्रवेश कर गए। दो दिन पूर्व भी जीआरपी इंस्पेक्टर ने जवानों को मुख्य गेट से प्रवेश नहीं होने की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके जवान मानने को तैयार नहीं हैं। जवानों के इस अड़ियल रवैये से चेकिंग स्टॉफ और दूसरे कर्मियों को दिक्कतें हो रही हैं।