खिला गेंदा, खिले किसानों के चेहरे
फूलों के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
खगड़िया(अमित झा)। अब फरकिया में फूलों की खेती होने लगी है। खासकर गेंदा फूल की। खेत गेंदा फूल की खुशबू से महकने लगे हैं। खिले फूलों के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। अब मेहनत बाद खेतों में खिले फूल टूटने के साथ बाजार पहुंच रही है। किसानों की आमदनी बढ़ गई है। वर्तमान में मानसी, गौड़ाशक्ति, मुश्किपुर, मलिया आदि जगहों में दस से 15 बीघा में गेंदा फूल की खेती की गई है। गेंदा की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ी है।
मालूम हो कि पहली बार जिले में किसानों ने गेंदा की खेती की है। किसानों ने न सिर्फ गेंदा की खेती की है बल्कि नर्सरी तैयार कर भी अपनी आमदनी बढ़ाई है। किसानों के अनुसार एक कट्ठा की खेती में हजार से 12 सौ रुपए लागत आती है और कमाई पांच से छह हजार प्रति कट्ठा है। मानसी के किसान शिवजी ठाकुर कहते हैं- पहले दो कट्ठे में खेती आरंभ की। पूंजी कम व आय अधिक देख अब दो बीघा में गेंदा की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले गेंदा के पौधे बाहर से मंगाना पड़ता था। अब खुद की नर्सरी है। नर्सरी में तैयार पौधे बेचने से भी अच्छी आमदनी हो जाती है। कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. रंजीत प्रताप पंडित कहते हैं कि जिले के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती की ओर उन्मुख हुए हैं। अब फूल की खेती भी करने लगे हैं। गेंदा सदाबाहार फूल है। बाजार में काफी डिमांड है। अभी लगभग 15 बीघा में खेती हो रही है। धीरे-धीरे रकबा बढ़ेगा। फूल की खेती से किसान आमदनी आराम से दोगुणी कर सकते हैं।