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ब्लैक फंगस: थोड़ी की सावधानी बरतें तो प्रारंभ में पता चल जाएगा लक्षण, और आप करा लेंगे उपचार, जानिए

ब्लैक फंगस थोड़ी सी सावधानी बरतें तो प्रारंभ में इसके लक्षण आप जान जाएंगे। इसके बाद आप आसानी से उपचार करवा सकते हैं। यह कोई नया रोग नहीं है यह पहले से ही मौजूद था। जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है उसे काफी परेशानी होती।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 03:16 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 03:16 PM (IST)
ब्लैक फंगस: थोड़ी की सावधानी बरतें तो प्रारंभ में पता चल जाएगा लक्षण, और आप करा लेंगे उपचार, जानिए
कोरोना काल में ब्‍लैक फंगस का भी खतरा बढ़ गया है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। ब्लैक फंगस से हो रही मौत के बाद अब लोगों को समय से इसके लक्षण की पहचान करने की आवश्यकता है। चिकित्सक के मुताबिक अगर थोड़ी सी सावधानी रखी जाए और प्रारंभ में लक्षण की पहचान चिकित्सक की सलाह ली जाए तो जान बच सकती है। डॉ. मनोज केसरी ने बताया कि यह कोई नया रोग नहीं है यह पहले से ही मौजूद था। कोरोना मरीज जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाता है। आईसीयू में भर्ती के दौरान भी कई ऐसी दवाएं देनी पड़ती है जिसका इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे मरीजों को यह अपना शिकार बनाता है। अगर वह मधुमेह का रोगी है जिनका प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होता उनको यह अपना शिकार बनाता है। सामान्य लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है।

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स्टेरायड सेवन करने वालों को करता है प्रभावित

म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है। मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं। स्टेरायड दवा लेने वालों को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है। म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है जो अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित है।

आंख व नाक में दर्द व लाली हो तो रहें सावधान

म्यूकोरमाइकोसिस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इस बीमारी के लक्षणों में आंख और नाक के आसपास दर्द और लाली रहना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खूनी उल्टी व मानसिक स्थिति में बदलाव आना शामिल है।

बचाव के उपायों को अपनायें और लगाएं मास्क

विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपना कर म्यूकोरमाइकोसिस की रोकथाम की जा सकती है यदि धूल भरे निर्माण स्थल पर जा रहें हैं तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। मिट्टी, बागबानी, काई या खाद आदि से जुड़े काम करते समय जूते, लंबी पैंट, पूरी बाजू वाली कमीज और दस्ताने अवश्य पहनें। फंगस मुख्य रूप से नमीं युक्त मिट्टी, गोबर, सड़ते हुए लकड़ी, सब्जी फल और अन्य जैविक चीजों में पाया जाता है।

क्या करें -

ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें

कोरोना से रिकवर होने के बाद ब्लड शुगर की जांच करते रहें

ऑक्सीजन उपयोग के दौरान ह्यूमिडिफायर के लिए स्टेराइल वाटर का उपयोग करें

एंटीफंगल व एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर करें

क्या नहीं करें -

चेतावनी वाले लक्षण को नजरदांज नहीं करें

कोरोना से रिकवर होने के बाद नाक बंद, आंख के आसपास दर्द या फूलने पर चिकित्सक से मिलें


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