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पूर्व विधायक ई. शैलेन्द्र ने राजनीति को किया बाय-बाय

बिहपुर से (2010 से 2015) भाजपा के विधायक रहे कुमार ई. शैलेंद्र गुरुवार को सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Mar 2018 02:28 AM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 02:28 AM (IST)
पूर्व विधायक ई. शैलेन्द्र ने राजनीति को किया बाय-बाय
पूर्व विधायक ई. शैलेन्द्र ने राजनीति को किया बाय-बाय

भागलपुर। बिहपुर से (2010 से 2015) भाजपा के विधायक रहे कुमार ई. शैलेंद्र गुरुवार को सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। पूर्व विधायक 14 मार्च को भागलपुर आएंगे और 15 मार्च को इस निर्णय की जानकारी राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष सहित जिला अध्यक्ष को देंगे।

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फेसबुक पर दी गई जानकारी में पूर्व विधायक ने बिना नाम लिए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन पर पार्टी को बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को सलाह दी है कि भागलपुर के संगठन को मजबूत करना होगा। कहा कि यहां के संगठन को एक नेता जो खुद को कद्दावर समझते हैं ने पार्टी को कई घटकों में बांटकर रख दिया है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा है कि संगठन के हित में वे राष्ट्रीय नेतृत्व को पूरी जानकारी देंगे। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने यहां तक कहा है कि कि राष्ट्रीय नेता अक्सर बोलते हैं कि 2019 के बाद चटनी की तरह पीस कर रख देंगे। वे खुद टिकट बांटते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन को वेश्यावृति होने से बचा लिया।

उन्होंने संगठन का कोई दायित्व नहीं लेने की भी घोषणा की है। यह भी कहा है कि वे किसी दूसरे दल में नहीं जाएंगे। भाजपा को अपना वोट देते रहेंगे। पूर्व विधायक ने कहा कि वे पिछले 14 वर्षों से राजनीतिक जीवन में पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के कार्यकर्ता बनकर काम किया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को अपना अभिभावक बताया और कहा कि उनका आभारी बना रहुंगा। सोशल मीडिया में उन्होंने पोस्ट किया है कि अब पारिवारिक दायित्व निभाने का समय आ गया है।

मतदाताओं से रहते थे संपर्क में

बिहपुर से चुनाव हारने के दूसरे दिन से ही वे अपने मतदाताओं के साथ संपर्क में रहते थे। क्षेत्र की जनता के दुख दर्द में वे हमेशा रहते थे। सुबह दस बजे से रात दस बजे तक क्षेत्र की जनता के बीच जाना और समस्या सुनना उनकी आदत में शामिल था। चुनाव हारने के बाद वे मतदाताओं से दूर नहीं हुए थे। बताया गया कि वे पिछले एक पखवारा से धार्मिक प्रयोजन में जिले से बाहर हैं।

पूर्व में भी कर चुके हैं संन्यास की घोषणा

वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद ई. शैलेंद्र ने सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी छोड़ने और राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। लेकिन पुन: वापस पार्टी में शामिल हो गए। इस पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के दबाव से फिर सक्रिय हुए।

उपचुनाव में पार्टी ने नहीं किया याद

राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा है कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने उनका उपयोग अररिया लोकसभा उपचुनाव में नहीं किया। अररिया में पार्टी प्रत्याशी के नामांकन से प्रचार तक उनको नहीं लगाया गया।

लोकसभा चुनाव लड़ने की थी इच्छा

पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि ई. शैलेंद्र लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना रहे थे। उन्होंने बीते दिनों कहलगांव में सड़क की समस्या को लेकर धरना भी दिया था। नवगछिया में कटाव निरोधी कार्य में अनियमितता को लेकर भूख हड़ताल भी किया था। बिहपुर से हटकर वे पूरे संसदीय क्षेत्र की चिंता करने लगे थे। शहर में कई स्थानों पर उनकी होर्डिंग भी लगी है।

तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं शैलेंद्र

कुमार शैलेंद्र एक समय पार्टी के तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए गए थे। वे सुशील कुमार मोदी से काफी नजदीक थे। नवगछिया जिला संगठन में भी वे सक्रिय रहे।

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कोट :-

नवगछिया भाजपा जिला में संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। पूर्व विधायक से बात नहीं हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से ही मुझे भी जानकारी मिली है। 11 मार्च को पार्टी की बैठक बुलाई गई है। जिसमें इस विषय पर चर्चा होगी।

- विनोद मंडल, जिलाध्यक्ष नवगछिया जिला


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