Bihula Wishhari worship in Bhagalpur : बारी कलश स्थापना के साथ मनसा विषहरी की पूजा शुरू
Bihula Wishhari worship in Bhagalpur अंग प्रदेश का लोकपर्व बिहुला विषहरी पूजा शुरू हो गया। यह पर्व अंग प्रदेश में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
भागलपुर, जेएनएन। अंग प्रदेश का लोक पर्व मनसा विषहरी पूजा बारी कलश स्थापना के साथ शुरू हो गया। गुरुवार को पूर्वाहन 11 बजे चंपानगर मुख्य मंदिर में विधि विधान के साथ पीतल के बारी कलश की स्थापना की गई थी। महाशय ड्योड़ी, नाथनगर, परबत्ती, उर्दू बाजार, जरलाही, गुड़हट्टा चौक, ईश्वर नगर, हबीबपुर, इशाकचक, भीखनपुर गुमटी नंबर एक और दो, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर, बरारी, नया बाजार, दीपनगर, बंसी टीकर, सबौर, कहलगांव, नवगछिया सहित 112 स्थानों पर बारी कलश की पूजा की पूजा हुई।
मेढ़पति ने कुम्हार के घर से विधिवत पूजा आराधना के साथ बारी कलश को लाया। संध्या में पूजा कर गंगाजल भरकर मंदिर में स्थापित किया गया। पूजा के दौरान भक्तजनों को वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को लेकर शारीरिक दूरी का भी पालन करते देखा गया।
कलश स्थापना के दौरान मां विषहरी की गाथा पर आधारित गीतों से पूरा मंदिर प्रागंण गूंजायमान होता रहा। मनसा विषहरी महारानी केंद्रीय पूजा समिति के उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी प्रदीप कुमार ने बताया कि अब 25 जुलाई को नाग पंचमी मनाई जाएगी। भक्तजन नाग देवता को डलिया और दूध-लावा चढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को एक पत्र प्रेषित कर इस लोक पर्व को मनाने का दिशा निर्देश मांगा गया है, ताकि कोराना संक्रमण के चेन को तोडऩे के प्रयास में कोई व्यवधान न हो। उन्होंने सभी भक्तों से मंदिरों में भीड़ न लगाने और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगले माह 17 अगस्त को मां विषहरी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंदिर प्रांगण में ही बाला लखेंद्र की बारात और बिहुला के साथ रात्रि में विवाह संपन्न होगा। उसी रात सर्पदंश फिर 18 अगस्त को दूसरी डलिया का चढ़ावा लगेगा। 19 अगस्त को यह पूजा संपन्न हो जाएगी।
मुख्य बातें
- मनसा देवी के गीतों से गूंजायमान हुआ अंग प्रदेश का कोना-कोना, शारीरिक दूरी का पालन कर रहे भक्त
- भागलपुर, कहलगांव और नवगछिया को मिलाकर 112 मंदिरों में मनसा विषहरी की होती है धूमधाम से