आशुतोष की याद में आंसुओं से भींगा बिहपुर
भागलपुर । पुलिस पिटाई से मृत आशुतोष की याद में घटना के चौथे दिन बुधवार को भी पूरा ि
भागलपुर । पुलिस पिटाई से मृत आशुतोष की याद में घटना के चौथे दिन बुधवार को भी पूरा बिहपुर आंसुओं से भींगा रहा। उसे यादकर स्वजन और मड़वा समेत आसपास के गांवों के लोग आंसू बहाते रहे। बिहपुर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को कोसते रहे। बुधवार को भागलपुर के बूढ़ानाथ स्थित घर पर परिवार के सदस्य उसका दशकर्म करने में जुटे रहे।
मड़वा के ग्रामीणों ने बताया कि आशुतोष जब भी गांव आता हमलोगों के साथ ही ज्यादा समय बीताता था। खूब हंसी-ठिठोली होती थी। आसपास के गांवों में नाते-रिश्तेदारी और दोस्तों से भी जाकर मिलता। उसके आने का लोगों को इंतजार रहता था। दुर्गापूजा पर अपने कुलदेवता की पूजा करने हर साल आता था। धूमधाम से दशहरा मनाता था। सभी से आदर व सम्मान से मिलता व बातें करता था। उसकी मौत की खबर ने सभी को झकझोर दिया है। आशुतोष की दादी प्रभा देवी ने रोते हुए कहा कि शहर में रहने के बाद भी वह अपने गांव व घर के संस्कारों से जुड़ा रहता था। पुलिस ने बेवजह उसकी जान ले ली। छोटे भाई सूरज, चाचा सुमन पाठक, संजय पाठक, प्रफुल्ल पाठक, अक्षय पाठक, अंकित पाठक व शुभम पाठक ने कहा कि 24 अक्टूबर को ही आशुतोष गोड्डा से अपनी पत्नी स्नेहा पाठक व दो वर्षीय पुत्री माड़वी पाठक के साथ मड़वा आया था। उसके बाद पत्नी और बच्ची के साथ भ्रमरपुर स्थित मां दुर्गा मंदिर में पूजा करने चला गया। लौटते वक्त पुलिस कहर बनकर उसपर टूट पड़ी। पीट-पीटकर उसे मार डाला। चाची बिदु देवी, संगीता देवी, मोना पाठक, बबली देवी कहती हैं कि आशुतोष काफी शांत स्वभाव का लड़का था। इसके बावजूद पिटाई के वक्त पुलिस को उसपर दया नहीं आई। बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। उसकी पत्नी व मासूम बेटी की हंसती-खिलखिलाती दुनिया ही उजाड़ दी। दुर्गा मइया उसके हत्यारों को कभी माफ नहीं करेगी।