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Bhagalpur Temple Reopen: अनलाक- 6 में खुले धर्मस्‍थलों के कपाट, भागलपुर के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

Bihar Unlock 6 News Updates लंबे समय के बाद बिहार में खुले मंदिरों के पट भगवान के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु। कई मंदिरों में नहीं पहुंचा प्रशासनिक आदेश यहां शुक्रवार से होगी पूजा। आज काफी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में पहुंचे।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 07:30 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 07:30 PM (IST)
Bhagalpur Temple Reopen: अनलाक- 6 में खुले धर्मस्‍थलों के कपाट, भागलपुर के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
भागलपुर में बूढ़नाथ मंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पण करती एक बच्ची।

भागलपुर [आनंद कुमार सिंह]। आम तौर पर भादो मास में मंदिरों में अधिक भीड़ नहीं रहती, लेकिन गुरुवार को नजारा कुछ अलग ही था। भागलपुर शहर में तिलकामांझी निवासी आस्था मिश्रा अपनी छोटी बहन के साथ नहा-धोकर बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचीं। उसने बताया कि आज तक कोई सोमवार ऐसा नहीं था, जब वे शिवालय ना गई हों। कोरोना काल में यह सब बंद हो गया। अब गुरुवार ही सही, लेकिन जब भगवान के द्वार खुले तो पूजन-दर्शन कर मन को शांति मिली। कोरोना काल की परेशानियों के दौरान नया विश्वास जगा।

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लंबे समय के बाद मंदिरों के पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई भगवान के दर्शन को इच्छुक था, हर आंख नम थी। पुजारी और मंदिर प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की लोगों से अपील कर रहे थे, लोग भी सजग दिखे। बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मीकि सिंह ने बताया कि मंदिर खुलने से श्रद्धालुओं में नया विश्वास जगा है। इधर, अजगवीनाथ मंदिर के महंत प्रेम आनंद गिरि जी महाराज ने बताया कि देवघर मंदिर नहीं खुलने से श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण गहरे पानी में जाने से रोक भी है। तेतरी दुर्गा स्थान में भी भीड़ देखी गई। कहलगांव के बटेश्वरस्थान धाम में भी सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालु आए थे। भूतनाथ मंदिर, मनसकामना मंदिर, शिवशक्ति मंदिर, कुपेश्वरनाथ मंदिर, न्यायाधीश्वर महादेव मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर, गोनूधाम, बैजानी शिव मंदिर आदि जगहों पर भी काफी भीड़ रही। इसके अलावा जैन मंदिर, कुप्पाघाट आदि जगहों पर भी लोगों का आना शुरू हो गया है।

जमुई जिले में प्रसिद्ध बाबा धनेश्वरनाथ, बाबा गिद्धेश्वर व पत्नेश्वर शिव मंदिर के कपाट खोल दिए गए। पहले दिन यहां अधिक श्रद्धालु नहीं दिखे। लखीसराय में बिहार के बाबाधाम के रूप में विख्यात श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोकधाम के द्वार खुलते ही मायूस श्रद्धालुओं व पुजारियों के चेहरों पर खुशी झलक उठी। जिन लोगों को मंदिर खुलने की जानकारी मिले, वे यहां पहुंचे। मंदिर के प्रवेश द्वार, गर्भगृह सहित अन्य हिस्सों को सैनिटाइज किया गया। बड़हिया स्थित मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर (जगदंबा स्थान) भी भक्तों के जयकारे से गूंजने लगा।

मुंगेर के प्रसिद्ध चंडिका स्थान में गुरुवार को आम लोग पूजा नहीं कर सके। श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन मंदिर के पुजारी नंद बाबा ने बताया कि मंदिर में पूजा करने से संबंधित निर्देश और पत्र जिलाधिकारी की ओर से जारी नहीं किया गया। निर्देश आने के बाद ही पूजा-अर्चना शुरू होगी। श्रीश्री 108 कृष्ण काली भगवती हरवंशपुर, तिलडीहा (दुर्गा स्थान) भी मां काली-दुर्गा के जयघोष से गूंजने लगा।

मधेपुरा का प्रसिद्ध सिंहेश्वर बाबा मंदिर भी प्रशासनिक आदेश नहीं मिलने के कारण गुरुवार को नहीं खुल पाया। अररिया के मां खड्गेश्वरी काली मंदिर व बाबा सुंदरनाथ मंदिर के पट खुले। बारिश के कारण पहले दिन यहां अधिक लोग नहीं पहुंच पाए। खगडिय़ा के प्रसिद्ध तंत्र स्थल योगीराज डा. रामनाथ अघोरी बाबा स्थान, बलुआही ठाकुरबाड़ी व बाबा फुलेश्वर स्थान में भी लंबे समय के बाद रौनक दिखी।


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