बिहार राजनीति : फिर चर्चा में आ गईं JDU MLA बीमा भारती, क्यों इतनी खफा हैं मंत्री लेसी सिंह से? CM नीतीश ने दी यह नसीहत
Bihar politics िबहार में जदयू में सब कुछ ठीक नहीं है। नई सरकार बनने के बाद तो जदयू में रूठने और मनाने का सिलसिला जारी है। लेसी सिंह को मंत्री बनाने पर बीमा भारती नाराज हैं। बीमा भारती भी मंत्री बनना चाहती थीं। दोनों जदयू विधायक पूर्णिया जिले की हैं।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। Bihar politics: बाहुबली पति अवधेश मंडल के कारण अक्सर सूर्खियों में रहने वाली पूर्णिया के रुपौली की जदयू विधायक बीमा भारती एक बार फिर चर्चा में है। इस बार बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री सह धमदाहा विधायक लेशी सिंह पर टिपण्णी के कारण वे चर्चा के केंद्र में है। वैसे मंत्री लेशी सिंह पर टिपण्णी इस बार बीमा भारती को भारी पड़ गया है और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे गंभीरता से ले लिया है। मुख्यमंत्री ने साफ लफ्जों में उन्हें संयमित रहने वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे दी है।
क्या है पूरा मामला
धमदाहा विधायक लेशी सिंह को मंत्री बनाए जाने पर बीमा भारती का आक्रोश फूट पडा। उन्होंने लेशी सिंह को आपराधिक प्रवृति का होने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर दी। इसको लेकर वे मीडिया में खूब बयान भी दिया। इतना ही नहीं लेशी सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाने पर खुद विधायक पद सहित पार्टी से इस्तीफा दे देने की बात भी कह दी। इसको लेकर नवगठित महागठबंधन सरकार की किरकिरी भी शुरु हो गई। पहले ही कानून मंत्री को लेकर विवादों में फंसी सरकार के लिए यह एक नया मुसीबत बन गया। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने लेशी सिंह पर बीमा भारती के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। सीएम ने साफ कहा कि बीमा भारती बेकार की बात कर रही है। बीमा भारती को चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लेशी सिंह को मंत्री बनाया जाना पूरी तरह उचित है। उन्होंने कहा कि बीमा भारती को भी मंत्रिमंडल में दो बार मौका दिया जा चुका है। वे पढ़ना भी नहीं जानती थी, उसे पढ़ाया भी गया था। अब सबको मंत्री बनाया जाना संभव नहीं है। पार्टी पहले उन्हें समझाएगी और फिर बड़ी कार्रवाई करेगी।
अक्सर लेशी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलती है बीमा
बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह के खिलाफ बीमा भारती की हालिया टिपण्णी अप्रत्याशित कतई नहीं है। दोनों एक ही दल की विधायक हैं। साथ ही दोनों का विधानसभा क्षेत्र भी आजू-बाजू में है। जिले की सियायत में वर्चसव व सियासी महत्वाकांक्षा की यह टकराहट पुरानी है। हाल में जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में बीमा भारती की बेटी भी दावेदार थी और चुनाव में वे हार गई। उस दौरान भी बीमा ने अप्रत्यक्ष तौर पर मंत्री लेशी सिंह के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। उनका आरोप था कि अगर मंत्री लेशी सिंह चाहती तो उनकी पुत्री ही जिला परिषद अध्यक्ष होती। इसी तरह पूर्व में धमदाहा के एक पूर्व जिला परिषद सदस्य की हत्या को लेकर भी बीमा ने मंत्री को घेरने का प्रयास किया था। बहरहाल बीमा भारती अलग-अलग विधानसभा से जीतने के बावजूद हर स्तर पर लेशी सिंह को अपना प्रतिद्वंदी मानती रही है। पार्टी में भी लेशी का बढ़ता प्रभाव इस विवाद का एक कारण माना जा रहा है।