बिहार पुलिस के सिपाही ने घर में की खुदकशी, जहानाबाद में था पदस्थापित
भागलपुर के बबरगंज क्षेत्र के सकरुल्लाचक मोहल्ले में विदुर कुमार (उम्र 22 वर्ष) ने फंदे से लटक कर खुदकशी कर ली है। वह बिहार पुलिस के सिपाही थे। उन्होंने जहानाबाद में जॉइनिंग की थी।
भागलपुर (जेएनएन)। बबरगंज इलाके के सकरूल्लाहचक, ठाकुर नगर कॉलोनी, हजारी पासी लेन निवासी संतोष तांती के पुत्र विदुर तांती (22) ने गुरुवार को अपने घर में लोहे के एंगल में रस्सी का फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। वह बिहार औरंगाबाद जिले में ट्रेनिंग ले रहा था। वहीं परिवार वालों का कहना है कि उसे ट्रेनिंग के दौरान ही जोंडिस (पीलिया) हो गया था। इस बाबत उसने कई बार विभाग को छुट्टी के लिए लिखा। लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली। इस कारण वह अवसाद में रहने लगा था। इस कारण वह बिना छुट्टी के ही दुर्गा पूजा के समय में घर आ गया। तभी से वह काफी तनाव में रह रहा था। हालांकि पिता के बयान पर इस मामले में यूडी केस दर्ज किया गया है।
फंदे से उतार बाइक से अस्पताल लेकर पहुंचे दोस्त
जिस समय विदुर ने घर में फांसी लगाई। उसके पिता मार्बल मिस्त्री का काम करने बाहर गए थे। भाई स्कूल गया था। घर में केवल उसकी मां अहिल्या थी। मां की नजर विदुर पर सबसे पहले पड़ी। बेटे को फंदे पर झूलता देख उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। तभी पड़ोसी के दोस्त राहुल समेत अन्य लोग दौड़े। उन लोगों ने आनन फानन में उसे फंदे से उतारा। तब उसकी सांसे चल रही थी। यह देख विदुर के बहनोई समेत अन्य दोस्त बाइक पर ही उसे लेकर इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बरारी पुलिस ने पिता का बयान पर केस दर्ज करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
नौकरी जाने के डर से 15 दिन पहले भी किया था खुदकशी का प्रयास
विदुर के पिता ने बताया कि उसके बेटे ने बिहार पुलिस में सिपाही के रूप में चयनित होने पर जून 2018 में जहानाबाद में ट्रेनिंग के लिए योगदान दिया था। इसके बाद उसे औरंगाबाद ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया। जिस समय उसे जोडिंस हुई तो विभागीय स्तर पर उसका इलाज चला। लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद वे लोग उसे लाने के लिए औरंगाबाद गए। लेकिन वहां उसे छुट्टी नहीं मिली तो वे लोग वापस आ गए। कुछ दिनों बाद ज्यादा तबीयत खराब होने पर विदुर बगैर छुट्टी के ही भागलपुर आ गया। वह अक्सर कहता था कि उसे अब नौकरी से निकाल दिया जाएगा। इसी तनाव में उसने 15 दिन पहले भी खुदकशी का प्रयास किया था। लेकिन परिवार वालों ने फंदा लगाते ही उसे पकड़ लिया था।