बिहार : विद्यालय में माध्याह्न भोजन खाने के बाद एक के बाद एक गिरने लगे बच्चे, पेट और सिर दर्द शुरू
बिहार समाचार भागलपुर के जगदीशपुर में माध्याह्न भोजन खाने से बीमार हुए लगभग 60 बच्चे। प्रखंड के मध्य विद्यालय सैनो में की है घटना। बच्चों ने कहा भोजन में गिर गई थी छिपकली। रसोइया बोला- अदरक को बच्चों ने समझ लिया था छिपकली।
संवाद सूत्र, जगदीशपुर (भागलपुर)। भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय सैनो में शुक्रवार को दिन के करीब दो बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब लगभग 60 बच्चे मध्याह्न भोजन खाने से अचानक बीमार हो गए। बच्चों के बीमार पडऩे की सूचना पर दर्जनों अभिभावक विद्यालय पहुंच गए और हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना पर बीडीओ रघुनंदन आनंद, थानाध्यक्ष अमित कुमार आदि विद्यालय पहुंचे और अभिभावकों को समझा-बुझा कर शांत कराया। बच्चों को इलाज के लिए सीएचसी जगदीशपुर भेजा गया, जहां चिकित्सक मोनिश आलम ने बच्चों का उपचार किया।
इलाजरत पल्लवी कुमारी, प्रिंस कुमार, सुमित कुमार, आनंद कुमार, रानी कुमारी आदि ने कहा कि खाने में छिपकली थी। सभी बच्चों की लगभग एक ही शिकायत थी कि उनके पेट और सिर में दर्द है। सूचना मिलने पर सीएस उमेश शर्मा, डीपीएम फैजान अशर्फी आदि भी अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक ने इलाजरत दस बच्चों को चिकित्सक की निगरानी में रखकर शेष बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी। बच्चों की शिकायत थी कि भोजन में छिपकली गिरे होने की शिकायत प्रधानाध्यापक से की गई।
प्रधानाध्यापक शैलेंद्र यादव ने कहा कि बच्चों की शिकायत पर रसोइया से पूछताछ की गई तो रसोइया ने बताया कि खाना में छिपकली नहीं गिरी थी। अदरख को बच्चों ने छिपकली समझ लिया। इसके बाद भी मैंने सभी खाना को फेंकवा दिया और फिर से भोजन तैयार करवाया। जब तक नया भोजन तैयार करवाया, तब तक कुछ बच्चों ने भोजन खा लिया था। खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद बच्चों ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। तत्काल बच्चों का इलाज गांव में ही निजी चिकित्सक से कराया गया। इसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया।
इस मामले में कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। - रघुनंदन आनंद, बीडीओ जगदीशपुर
पहली नजर में विद्यालय के कर्मियों की लापरवाही सामने आई है। मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पर कार्रवाई होगी। - रामजी राय, बीईओ, जगदीशपुर
प्रखंड के मध्य विद्यालय सैनो में मध्याह्न भोजन खाने से लगभग 20 बच्चे बीमार हो गए। सूचना मिलने पर मैं खुद विद्यालय और अस्पताल पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। सभी बच्चे ठीक हैं। प्रधानाध्यापक से इस संबंध में पूछताछ की गई है। प्रधानाध्यापक द्वारा घटना की सूचना वरीय अधिकारी को नहीं दी गई। यह लापरवाही का द्योतक है। मामले की जांच होगी और कार्रवाई भी निश्चित रूप से की जाएगी। - आनंद विजय, डीपीओ, प्रधानमंत्री पोषण योजना