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Bihar: 10 रुपये का इंजेक्शन 400 में बचने के आरोप में महिला चिकित्‍सक पर बड़ी कार्रवाई, कई सहयोगी गिरफ्तार

Bihar भागलपुर में दवा की कालाबाजारी पर बड़ी कार्रवाई हुई है। यहां के एक महिला चिकित्‍सक और उनके सहयोगियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि 10 रुपये का फोर्टविन इंजेक्शन 400 में बेची जा रही थी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 09:42 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 09:42 AM (IST)
Bihar: 10 रुपये का इंजेक्शन 400 में बचने के आरोप में महिला चिकित्‍सक पर बड़ी कार्रवाई, कई सहयोगी गिरफ्तार
भागलपुर में फोर्टविन इंजेक्शन की कालाबाजारी। चिकित्‍सक फरार।

जागरण सवांददाता, भागलपुर। भागलपुर में राष्ट्रीय आपदा अधिनियम, ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा के तहत औषधि निरीक्षण ने बड़ी कार्रवाई की। औषधि निरीक्षक दयानंद प्रसाद ने दवा की कालाबाजारी करने के आरोप में यहां के एक प्रसिद्ध महिला चिकित्‍सक के खिलाफ कार्रवाइ की है। बताया जा रहा है कि 10 रुपये के इंजेक्शन को यहां 400  रुपये में बेचा जा रहा था। महिला चिकित्‍सक के पति भी चिकित्‍सक हैं।

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अभी भागलपुर में पल्स हॉस्पिटल का मामला थमा भी नहीं था कि फोर्टविंन इंजेक्शन कालाबाजारी का मामला सामने आ गया। इस इंजेक्‍शन को बेचने के आरोप में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मोनिका रानी, कंपाउंडर निर्मल सिंह और कृष्णा मेडिको हॉल के दुकानदार निखिल कुमार झा पर प्राथ‍मिकी दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि फोर्टविंन इंजेक्शन की कीमत मात्र 10 रुपये है, जबकि यहां इसे 400 रुपये में बेचा जा रहा था।

सभी आरोपितों पर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम, ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा लगाया गया है। ओषधि निरीक्षक दयानंद प्रसाद ने इशाकचक थाना में प्राथमिक दर्ज कराई है। कार्रवाई की सूचना मिलते ही डॉ मोनिका रानी फरार हो गईं है। वहीं,  कंपाउंडर निर्मल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

औषधि निरीक्षक दयानंद प्रसाद को सूचना मिली थी कि भीखनपुर में फोर्टविंन इंजेक्शन कालाबाजारी में बेची जा रही है। दयानंद प्रसाद ने बताया कि पहले तो कंपाउंडर ने इंजेक्शन बेचने की बात स्वीकार नहीं की। जब बिल दिखाया गया तो उसने स्वीकार किया। उसने बताया कि डॉ मोनिका रानी खुद इंजेक्शन मंगवाती थी। इंजेक्शन नशा के रूप में भी उपयोग किया जाता है, इसलिए चिकित्‍सक के चिट्ठा पर ही यह इंजेक्‍शन मिल सकता है।

औषधि निरीक्षक ने कहा कि इंजेक्शन 10 रुपये में मिलता है, लेकिन यहां 400 रुपये में बेचा जा रहा है। दुकान में मौजूद कर्मचारी ने कंप्‍यूटर से फोर्टविंन इंजेक्शन का स्टॉक हटा दिया गया था। कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया कि डॉ मोनिका रानी इंजेक्शन मंगवाती थी। औषधि निरीक्षक ने कहा कि तीनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है। डॉ मोनिका रानी के पति डॉ अभिलेश कुमार भी एक चिकित्‍सक हैं। वे जेएलएनएमसीएच में पदस्थापित हैं। साथ ही उनका निजी क्‍लीनिक भी है। दोनों पति-पति एक ही बिल्‍डिंग में निजी क्‍लीनिक चलाते हैं। वहीं उनका आवास भी है। दोनों पति-पत्‍नी यहां के जाने-माने चिकित्‍सक हैं।


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