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Bihar Fake Teacher : निगरानी करती गई केस, शिक्षक अपीलीय प्राधिकार देता रहा क्लीन चिट, खगड़िया में 28 की पुन: बहाली

Bihar Fake Teacher कई सालों से खगड़िया के 43 शिक्षकों का वेतन सिर्फ इसलिए बंद है क्योंकि उनके प्रमाण पत्र गलत पाए गए। ऐसे में निगरानी विभाग ने केस भी दर्ज कराया। लेकिन इनमें से 28 को दोबारा बहाली का आदेश विभाग को दे दिया।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 03:38 PM (IST)
Bihar Fake Teacher : निगरानी करती गई केस, शिक्षक अपीलीय प्राधिकार देता रहा क्लीन चिट, खगड़िया में 28 की पुन: बहाली
28 को दोबारा बहाली का दिया गया आदेश।

मुकेश, जागरण संवाददाता, खगड़िया। Bihar Fake Teacher- पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच को जुटी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने सात सालों के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 43 शिक्षकों पर खगड़िया के विभिन्न थानों में केस दर्ज कराया। पुलिस ने ऐसे कई शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अधिकांश मामलों में स्थानीय पुलिस ने मामला सही पाकर संबंधित के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर दिया। बावजूद खगड़िया के शिक्षक अपीलीय प्राधिकार ने निगरानी जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों में 28 को दोबारा बहाली का आदेश विभाग को दे दिया।

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शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अपीलीय प्राधिकार के फैसले से हाथ पांव फूलने लगे। विभाग के अधिकारी ने फर्जी पाने के साथ ही ऐसे सभी शिक्षकों का वेतनादि बंद कर दिया और प्राथमिक शिक्षा निदेशक पटना को अवगत कराते हुए मार्गदर्शन मांगा। इधर, जनवरी 21 से ही अपीलीय प्राधिकार का खगड़िया में पद खाली है।

क्या है मामला

शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा शिक्षा विभाग पटना को लिखे पत्र में स्पष्ट किया गया है कि फर्जी शिक्षकों की जांच में जुटी निगरानी ब्यूरो टीम ने स्पष्ट किया था कि बेवसाइट में माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली की जांच में पाया गया कि यूपी बोर्ड इलाहाबाद द्वारा जारी फर्जी बोर्ड, परीक्षाएं के नाम में माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली का नाम भी अंकित है। कहा गया है कि सत्यापन हेतु निगरानी डीएसपी विनय कुमार सिंह दिल्ली गए।

दिल्ली स्थित शिक्षा विभाग बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन न्यू दिल्ली काउंसिल आफ सेकंड्री एजुकेशन से लिखित देकर सत्यापन का आग्रह किया गया। जिस पर बोर्ड ने मेमो नंबर एफ-डीई-23,4,2014-1365 के माध्यम से स्पष्ट किया कि उक्त संस्थान की डिग्री फर्जी है। ऐसे में निगरानी टीम की सात सालों से चल रहे जांच में कई शिक्षक फर्जी पाए जा रहे हैं। उनपर थानों में केस दर्ज हो रहा है। कई जेल जा रहे हैं।

  • -निगरानी डीएसपी विनय कुमार सिंह ने जांच में पाए थे प्रमाण पत्र फर्जी
  • -कई सालों से फर्जी 43 शिक्षकों का वेतनादि को विभाग ने कर रखा है बंद

संबंधित बोर्ड डिग्री को फर्जी मान रहा है। स्थानीय पुलिस मामला को सही पाकर कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर रही है, तो फिर किस हालात में ऐसे शिक्षकों को दोबारा बहाली के आदेश दे दिए गए। वैसे तत्कालीन अपीलीय प्राधिकार से संपर्क का प्रयास किया गया, मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। जिनसे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका।

'निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा फर्जी प्रमाण पर बहाल शिक्षकों पर थानों में केस दर्ज कराया गया। ऐसे 28 शिक्षकों को अपीलीय प्राधिकार द्वारा दोबारा बहाली के आदेश दिए गए हैं। इस बाबत पूर्व में ही विभाग के वरीय अधिकारी को जानकारी दी गई है और राज्य अपीलीय प्राधिकार में अभी मामला लंबित है।'-कृष्ण मोहन ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।


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